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धनबाद से साहिबगंज के बीच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की तैयारी, माइंस एरिया में बनेगा डेडिकेटेड रोड - झारखंड में सड़क परियोजनाएं

झारखंड सरकार धनबाद से साहिबगंज के बीच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की तैयारी कर रही है. माइंस एरिया में डेडिकेटेड रोड बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर निर्देश जारी किया है.

Industrial corridor between Dhanbad and Sahibganj
झारखंड में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
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Published : Jun 24, 2021, 9:59 PM IST

रांची: झारखंड सरकार को राजस्व के रूप में एक बड़ा हिस्सा खनिजों से मिलने वाली रॉयल्टी से प्राप्त होता है. दूसरी तरफ खदानों के कारण बड़ी-बड़ी गाड़ियों की आवाजाही से संबंधित इलाके में पड़ने वाले गांव के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों की तकलीफ को समझते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माइंस एरिया में डेडिकेटेड रोड बनाने की दिशा में कार्य योजना बनाने को कहा है.

यह भी पढ़ें: मैनहर्ट घोटाला: ACB ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भेजा नोटिस, सरयू राय ने लगाए थे गंभीर आरोप

सीएम ने निर्देश दिया है कि सड़कों के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ये घनी आबादी या गांवों को ज्यादा प्रभावित न करे. पथ निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम को बताया गया कि राज्य में कुछ सड़कों पर टोल प्लाजा प्रस्तावित है. यहां मालवाहक वाहनों से टोल टैक्स लिया जाएगा. इस बाबत 4856 किलोमीटर लंबी 425 सड़कों का सर्वे किया जा चुका है. इस पर सीएम ने कहा कि टोल प्लाजा के लिए सड़कों का चयन इस तरह किया जाए कि आम जनता पर बोझ नहीं पड़े.

संथाल परगना के लिए लाइफलाइन बन सकती है योजना

गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज रोड पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं. सीएम ने कहा है कि इस रोड में कुछ इलाकों का चयन कर उसे वेयर हाउस, लॉजिस्टिक सेंटर और इंडस्ट्रीज को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाएं. उन्होंने कहा कि इससे यह सड़क संथाल परगना एरिया की लाइफलाइन बन सकती है.

मुख्यमंत्री ने सड़क परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का 15 दिन के अंदर समीक्षा कर समाधान निकालने को कहा है. इसके अलावा फॉरेस्ट एरिया से गुजरने वाली सड़कों की मजबूतीकरण और जरूरत के हिसाब से चौड़ीकरण का भी निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और माइंस एरिया के आसपास हेलीपैड बनाने की दिशा में भी योजना बनाएं. इससे नक्सल गतिविधियों में भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.

केंद्र को सड़कों का भेजा जा रहा डीपीआर

विभाग की ओर से बताया गया कि राज्य में पिछले चार सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए कुछ 612.65 किलोमीटर सड़क योजना की स्वीकृति मिली है. वहीं केंद्र सरकार को 30 जून 2021 तक 184.23 किलोमीटर, 15 जुलाई 2021 तक 307.18 किलोमीटर और 31 जुलाई 2021 तक 180 किलोमीटर सड़क योजना की डीपीआर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इन सड़क योजनाओं के लिए करीब 3160 करोड़ रुपए का बजट है. राज्य पथ निर्माण विभाग के तहत 17 सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए भेजा गया है और 10 परियोजनाओं पर स्टेट इंपॉवर्ड कमेटी के स्तर पर निर्णय लिया जाना है.

रांची: झारखंड सरकार को राजस्व के रूप में एक बड़ा हिस्सा खनिजों से मिलने वाली रॉयल्टी से प्राप्त होता है. दूसरी तरफ खदानों के कारण बड़ी-बड़ी गाड़ियों की आवाजाही से संबंधित इलाके में पड़ने वाले गांव के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों की तकलीफ को समझते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माइंस एरिया में डेडिकेटेड रोड बनाने की दिशा में कार्य योजना बनाने को कहा है.

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सीएम ने निर्देश दिया है कि सड़कों के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ये घनी आबादी या गांवों को ज्यादा प्रभावित न करे. पथ निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम को बताया गया कि राज्य में कुछ सड़कों पर टोल प्लाजा प्रस्तावित है. यहां मालवाहक वाहनों से टोल टैक्स लिया जाएगा. इस बाबत 4856 किलोमीटर लंबी 425 सड़कों का सर्वे किया जा चुका है. इस पर सीएम ने कहा कि टोल प्लाजा के लिए सड़कों का चयन इस तरह किया जाए कि आम जनता पर बोझ नहीं पड़े.

संथाल परगना के लिए लाइफलाइन बन सकती है योजना

गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहिबगंज रोड पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं. सीएम ने कहा है कि इस रोड में कुछ इलाकों का चयन कर उसे वेयर हाउस, लॉजिस्टिक सेंटर और इंडस्ट्रीज को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाएं. उन्होंने कहा कि इससे यह सड़क संथाल परगना एरिया की लाइफलाइन बन सकती है.

मुख्यमंत्री ने सड़क परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का 15 दिन के अंदर समीक्षा कर समाधान निकालने को कहा है. इसके अलावा फॉरेस्ट एरिया से गुजरने वाली सड़कों की मजबूतीकरण और जरूरत के हिसाब से चौड़ीकरण का भी निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और माइंस एरिया के आसपास हेलीपैड बनाने की दिशा में भी योजना बनाएं. इससे नक्सल गतिविधियों में भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.

केंद्र को सड़कों का भेजा जा रहा डीपीआर

विभाग की ओर से बताया गया कि राज्य में पिछले चार सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए कुछ 612.65 किलोमीटर सड़क योजना की स्वीकृति मिली है. वहीं केंद्र सरकार को 30 जून 2021 तक 184.23 किलोमीटर, 15 जुलाई 2021 तक 307.18 किलोमीटर और 31 जुलाई 2021 तक 180 किलोमीटर सड़क योजना की डीपीआर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इन सड़क योजनाओं के लिए करीब 3160 करोड़ रुपए का बजट है. राज्य पथ निर्माण विभाग के तहत 17 सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए भेजा गया है और 10 परियोजनाओं पर स्टेट इंपॉवर्ड कमेटी के स्तर पर निर्णय लिया जाना है.

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