रांचीः शेख मुजीब उर रहमान की 100वीं वर्षगांठ पर बंग्लादेश में दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेट का आयोजन किया गया. इस टूर्नामेंट में चार देशों की दिव्यांग क्रिकेट टीम ने हिस्सा लिया. भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम फाइनल मैच हार गई, विजेता बांग्लादेश की टीम रही. भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम में झारखंड के दो खिलाड़ी भी शामिल हैं. इन खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
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फाइनल मैच में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान कैलाश प्रसाद ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के 4 ऑल राउंडर खिलाड़ी, जिनमें उपकप्तान चिराग गांधी, गुलामदीन, इमरान मलिक और मोहम्मद जावेद लीग मैचों में चोटिल हो गए थे. इसके बावजूद भारतीय टीम ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 107 रन बनाए. इसमें गुलामदीन ने 28 रन, कैलाश प्रसाद ने 21, एमएस शिवा ने 23 और सचिन शिवा ने 24 रन बनाए. बांग्लादेश की तरफ से वोवेन ने 2 विकेट के साथ साथ सज्जाद और रसल ने एक-एक विकेट लिया.
बांग्लादेश की टीम ने जीत का लक्ष्य 12 ओवर में 1 विकेट खोकर आसानी से प्राप्त कर लिया. विजेता टीम को खेल मंत्री जाहिद अहसान रसल के हाथों पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर बांग्लादेश क्रिकेट एसोसिएशन फॉर फिजिकल चैलेंज के अध्यक्ष शेख अब्दुस सलाम, नेशनल पैरालंपिक कमिटी के महासचिव मकसूद उर रहमान, दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी हारून रशीद, सीईओ गजल खान और अध्यक्ष मुकेश कंचन उपस्थित थे.
उपविजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे साहिबगंज के उधवा प्रखंड के रहने वाले शौकत अली ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया. मैच के दौरान तेज रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले शौकत अली ने एक हाथ से कैच लपक कर सबको हैरान कर दिया. बताते चलें कि शौकत अली का केवल एक ही हाथ है और वह टीम के लिए तेज गेंदबाजी करते हैं. झारखंड के मुकेश कंचन का बतौर भारतीय टीम प्रबंधन सराहनीय सहयोग रहा.