रांची: कभी देश के नौ रत्नों में शुमार रांची का हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) आज बीमार हालत में है. पूंजी के अभाव में यह अपने असाइनमेंट को पूरा नहीं कर पा रहा है तो 18 महीनों से यहां के कर्मचारियों, मजदूरों और अधिकारियों को वेतन नहीं मिला है. ऐसे में एचईसी कर्मचारियों के विभिन्न संघ पहले से ही धरना प्रदर्शन करते रहे हैं. इसी कड़ी में I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल दलों ने एचईसी को बचाने की लड़ाई को अपने हाथों में ले लिया है.
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देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा स्थापित की गई रांची के एचईसी को बचाने के लिए गुरुवार को इंडिया गठबंधन दलों के नेताओं ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया और आगे जोरदार आंदोलन की घोषणा की. वहीं एचईसी के कर्मियों ने हरमू से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला, जिसमें इंडिया गठबंधन दलों के कई नेता भी शामिल हुए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एचईसी का हर कर्मचारी और अधिकारी काम करना चाहता है. देश के विकास में अपना योगदान देना चाहता है लेकिन एचईसी केंद्र की साजिश का शिकार हो रहा है.
उन्होंने कहा कि एचईसी के पास इतनी पूंजी नहीं है कि वह अपने पूर्व में लिए गये वर्क ऑर्डर को पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि जानबूझकर एचईसी में फुल टाइम निदेशक नहीं रखा जा रहा है और प्रभारी निदेशक की नियुक्ति कर एचईसी को बंद करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि 18 महीने से एचईसी कर्मियों को वेतन नहीं मिला है ऐसे में उनका दर्द समझा जा सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एचईसी की नहीं है बल्कि उन सभी सार्वजनिक संस्थानों को बचाने की है जिसे केंद्र सरकार बंद करने पर तुली है.
HEC कर्मचारियों के साथ झामुमोः I.N.D.I.A गठबंधन दलों के धरना में शामिल हुए झामुमो नेता मुस्ताक अंसारी ने कहा कि महंगाई के इस दौर में जब 18 महीने से सैलरी नहीं मिले तो यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि गृहस्थी कैसे चलती होगी. उन्होंने कहा कि इंडिया दलों के साथियों के साथ मिलकर अब झामुमो निर्णायक रूप से एचईसी को बचाने की लड़ाई लड़ेगा.
ठीक नहीं एचईसी का हाल-राजदः एचईसी की बदहाली पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता रंजन यादव ने कहा कि जिस एचईसी ने चंद्रयान 3 और आदित्य L1 की लॉन्चिंग पैड बनाकर भारत का नाम दुनिया में रोशन करने में अपना योगदान दिया लेकिन यहां के कर्मचारियों को 18 महीने से वेतन नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि एचईसी की लड़ाई लंबी है और रांची से लेकर दिल्ली तक ये लड़ाई लड़ी जायेगी.
कर्मचारियों के दर्द को समझने की जरूरतः एचईसी को बचाने के लिए राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन में शामिल हजारों कर्मचारियों में से एक रामू मंडल का दर्द यह बताने के लिए काफी है कि केंद्र सरकार के प्रतिष्ठान में काम करने के बावजूद कैसे उनकी गृहस्थी बर्बाद हो रही है. रामू मंडल कहते हैं कि वह एचईसी में फोर्थ ग्रेड स्टाफ हैं. 18 महीने से वेतन नहीं मिलने से बच्चों की पढ़ाई छूट गयी है. अब दुकानदार भी उधार में राशन नहीं देते, अलग अलग परिवार वालों से कर्ज लेकर किसी प्रकार घर चला रहे हैं.
इंडिया दलों के धरना प्रदर्शन में सीपीआई के जिला सचिव महेंद्र पाठक, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव, रंजन यादव, सीपीआई के अजय सिंह, झामुमो के डॉ. हेमलाल मेहता, अंतु तिर्की, कांग्रेस के अजय नाथ शाहदेव, सुबोधकांत सहाय, राकेश किरण सहित बड़ी संख्या में नेता कार्यकर्ता शामिल हुए. इस आंदोलन में एचईसी के कई मजदूर संगठनों ने भी भाग लिया. रांची में धरना प्रदर्शन के बाद इसी महीने लोकसभा के विशेष सत्र के दौरान एचईसी के मुद्दे पर दिल्ली के जंतर मंतर पर भी धरना प्रदर्शन करने की योजना पर चर्चा की गई.