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रांची: मनरेगा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, सभी ब्लॉक में किया प्रदर्शन - रांची में मनरेगा कर्मचारियों की मांग

पिछले 15 दिनों से झारखंड राज्य के सभी मनरेगाकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पूरी तरह से हड़ताल पर है. सरकार के उदासीन रवैए के चलते सोमवार को सभी मनरेगा कर्मचारियों ने ब्लॉक में धरना दिया. मनरेगा कर्मचारियों ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है.

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मनरेगा कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी.
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Published : Aug 10, 2020, 6:57 PM IST

रांची: विगत 27 जुलाई से झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ प्रदेश संघ के आह्वान पर राज्य के सभी विंग के मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सोवार को 15वें दिन भी चट्टानी एकता के साथ सभी मनरेगाकर्मी हड़ताल पर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी हड़ताल को विफल करने के लिए कई प्रकार के हथकंडा अपना रहे हैं. साथ ही मनरेगा कर्मियों पर कार्यों को बाधित करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो निराधार है.

मनरेगा कर्मियों के यहां किसी भी प्रकार का लॉग इन पासवर्ड नहीं है, जो भी है उसे सुपुर्द कर दिया गया है. वैकल्पिक कार्य व्यवस्था में किसी भी प्रकार की बाधा डालने का काम मनरेगा कर्मियों की तरफ से नहीं किया जा रहा है. मनरेगा कर्मी शांतिपूर्ण ढंग से सौहार्दपूर्ण वातावरण में अपनी राज्यव्यापी हड़ताल के समर्थन में डटे हुए हैं.


हड़ताल का 15वां दिन
15वें दिन हड़ताल होने के बावजूद भी राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी और विभागीय मंत्री मनरेगा कर्मियों के चिर-लंबित मांगों के पूर्ति के प्रति उदासीन है. मनरेगा कर्मी विगत 13 वर्षी से निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते आ रहे हैं. इस भीषण महंगाई के दौर में भी अल्प मानदेय में कार्य करने को मजबूर हैं. मनरेगा के अलावा जिलास्तर जो भी कार्य दिया जाता है, उसे भी निष्ठा और ईमानदारी से त्वरित गति से कार्य को अंजाम देते हैं.


कोरोना संक्रमित हुए मनरेगा कर्मी
हड़तालियों का कहना है कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के दौर में भी मनरेगा कर्मी अपने जान जोखिम में डालकर रात दिन सेवा देते आये हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की भविष्य सुरक्षा की गारंटी, किसी भी प्रकार का बीमा उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इस कोरोना जैसी भीषण महामारी में सेवा देते हुए कई मनरेगा कर्मी संक्रमण से ग्रसित हो गए हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है.


इसे भी पढ़ें-पूर्व राष्ट्रपति के कोरोना पॉजिटिव होने पर सीएम और केंद्रीय मंत्री का ट्वीट, की जल्द स्वस्थ होने की कामना

मनरेगा कर्मियों की लगन, निष्ठा और ईमानदारी कार्य का जीता जागता प्रमाण झारखंड राज्य एवं कई जिलों को केन्द्र सरकार की ओर कई बार-कई क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है. इसका सारा श्रेय झारखंड राज्य के मनरेगा कर्मियों को जाता है. इसके बावजूद भी ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के विचार मनरेगा कर्मियों के प्रति सकारात्मक नहीं है.

विभाग के अधिकारी एवं विभागीय मंत्री को इस विषय पर अविलंब संज्ञान लेते हुए झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाकर मनरेगा कर्मियों की 4 लंबित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हड़ताल समाप्ति हेतु सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता है.

लंबित मांगों को किया जाए पूरा
जब तक हमारी लंबित मांगों की पूर्ति नहीं हो जाती तब तक राज्य संघ के आह्वान पर सभी मनरेगा कर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार को राज्य के सभी ब्लॉक स्तर पर एक दिवसीय धरना देकर सरकार से अपनी मांग पूरा करने को कहा गया.

रांची: विगत 27 जुलाई से झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ प्रदेश संघ के आह्वान पर राज्य के सभी विंग के मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सोवार को 15वें दिन भी चट्टानी एकता के साथ सभी मनरेगाकर्मी हड़ताल पर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी हड़ताल को विफल करने के लिए कई प्रकार के हथकंडा अपना रहे हैं. साथ ही मनरेगा कर्मियों पर कार्यों को बाधित करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो निराधार है.

मनरेगा कर्मियों के यहां किसी भी प्रकार का लॉग इन पासवर्ड नहीं है, जो भी है उसे सुपुर्द कर दिया गया है. वैकल्पिक कार्य व्यवस्था में किसी भी प्रकार की बाधा डालने का काम मनरेगा कर्मियों की तरफ से नहीं किया जा रहा है. मनरेगा कर्मी शांतिपूर्ण ढंग से सौहार्दपूर्ण वातावरण में अपनी राज्यव्यापी हड़ताल के समर्थन में डटे हुए हैं.


हड़ताल का 15वां दिन
15वें दिन हड़ताल होने के बावजूद भी राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी और विभागीय मंत्री मनरेगा कर्मियों के चिर-लंबित मांगों के पूर्ति के प्रति उदासीन है. मनरेगा कर्मी विगत 13 वर्षी से निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते आ रहे हैं. इस भीषण महंगाई के दौर में भी अल्प मानदेय में कार्य करने को मजबूर हैं. मनरेगा के अलावा जिलास्तर जो भी कार्य दिया जाता है, उसे भी निष्ठा और ईमानदारी से त्वरित गति से कार्य को अंजाम देते हैं.


कोरोना संक्रमित हुए मनरेगा कर्मी
हड़तालियों का कहना है कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के दौर में भी मनरेगा कर्मी अपने जान जोखिम में डालकर रात दिन सेवा देते आये हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की भविष्य सुरक्षा की गारंटी, किसी भी प्रकार का बीमा उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इस कोरोना जैसी भीषण महामारी में सेवा देते हुए कई मनरेगा कर्मी संक्रमण से ग्रसित हो गए हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है.


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मनरेगा कर्मियों की लगन, निष्ठा और ईमानदारी कार्य का जीता जागता प्रमाण झारखंड राज्य एवं कई जिलों को केन्द्र सरकार की ओर कई बार-कई क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है. इसका सारा श्रेय झारखंड राज्य के मनरेगा कर्मियों को जाता है. इसके बावजूद भी ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के विचार मनरेगा कर्मियों के प्रति सकारात्मक नहीं है.

विभाग के अधिकारी एवं विभागीय मंत्री को इस विषय पर अविलंब संज्ञान लेते हुए झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाकर मनरेगा कर्मियों की 4 लंबित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हड़ताल समाप्ति हेतु सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता है.

लंबित मांगों को किया जाए पूरा
जब तक हमारी लंबित मांगों की पूर्ति नहीं हो जाती तब तक राज्य संघ के आह्वान पर सभी मनरेगा कर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार को राज्य के सभी ब्लॉक स्तर पर एक दिवसीय धरना देकर सरकार से अपनी मांग पूरा करने को कहा गया.

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