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Jharkhand Businessmen Strike: बुधवार से झारखंड के व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, कृषि शुल्क वृद्धि का विरोध

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Published : Feb 14, 2023, 8:42 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 9:09 PM IST

झारखंड में बुधवार से खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो सकता है. जिसकी वजह है कि 15 फरवरी से झारखंड के व्यवसायी हड़ताल पर जा रहे हैं. व्यवसायी सरकार द्वारा कृषि शुल्क लगाने का विरोध कर रहे हैं.

Jharkhand Businessmen Strike
झारखंड के व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
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रांचीः कृषि शुल्क वृद्धि के विरोध में झारखंड के व्यवसायी 15 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इसका ऐलान किया है. चेंबर ऑफ कॉमर्स भवन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के विरोध में लगातार व्यवसायी संगठन सरकार से आग्रह कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार मानने को तैयार नहीं है.

कृषि शुल्क कानूनः कृषि शुल्क को काला कानून बताते हुए व्यवसायियों ने कहा है कि सरकार के मनमाने रवैया के कारण व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हैं. जिस वजह से ना केवल खाद्यान्न के आवक और जावक पर असर पड़ेगा, बल्कि फलों और सब्जियों के थोक मंडी भी बंद रहेंगे. जिसका खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगतना पड़ेगा.

सौ करोड़ का व्यापार होगा प्रभावितः चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव डॉ अभिषेक रमाधीन के अनुसार इस हड़ताल की वजह से राज्य में प्रति दिन 100 करोड़ का व्यापार प्रभावित होने की संभावना है. इस मौके पर डेली मार्केट फल मंडी थोक व्यवसायी संघ के अध्यक्ष हाजी माजिद ने कहा कि इस कानून के विरोध में बुधवार से हरमू फल मंडी में थोक व्यवसाय बंद रहेगा. सरकार के इस मनमानी की वजह से दो दो जगह टैक्स देना होगा जिस वजह से सामानों के दाम बढेंगे.

लूट की छूट की नीयत से कृषि शुल्क लगाया गया हैः कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के तहत राज्य सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने के निर्णय के विरोध में सांसद संजय सेठ उतर आए हैं. उन्होंने व्यापारियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि रघुवर सरकार ने व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कृषि शुल्क हटा दिया था. इससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई और कारोबार भी बढ़ा. वर्तमान सरकार ने फिर से 2% बाजार शुल्क लगाने का निर्णय किया है. इससे किसानों, खाद्यान्न कारोबारी के साथ साथ ट्रेडर्स और आम जनों को महंगाई की मार झेलनी होगी.

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रांचीः कृषि शुल्क वृद्धि के विरोध में झारखंड के व्यवसायी 15 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इसका ऐलान किया है. चेंबर ऑफ कॉमर्स भवन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के विरोध में लगातार व्यवसायी संगठन सरकार से आग्रह कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार मानने को तैयार नहीं है.

कृषि शुल्क कानूनः कृषि शुल्क को काला कानून बताते हुए व्यवसायियों ने कहा है कि सरकार के मनमाने रवैया के कारण व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हैं. जिस वजह से ना केवल खाद्यान्न के आवक और जावक पर असर पड़ेगा, बल्कि फलों और सब्जियों के थोक मंडी भी बंद रहेंगे. जिसका खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगतना पड़ेगा.

सौ करोड़ का व्यापार होगा प्रभावितः चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव डॉ अभिषेक रमाधीन के अनुसार इस हड़ताल की वजह से राज्य में प्रति दिन 100 करोड़ का व्यापार प्रभावित होने की संभावना है. इस मौके पर डेली मार्केट फल मंडी थोक व्यवसायी संघ के अध्यक्ष हाजी माजिद ने कहा कि इस कानून के विरोध में बुधवार से हरमू फल मंडी में थोक व्यवसाय बंद रहेगा. सरकार के इस मनमानी की वजह से दो दो जगह टैक्स देना होगा जिस वजह से सामानों के दाम बढेंगे.

लूट की छूट की नीयत से कृषि शुल्क लगाया गया हैः कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के तहत राज्य सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने के निर्णय के विरोध में सांसद संजय सेठ उतर आए हैं. उन्होंने व्यापारियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि रघुवर सरकार ने व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कृषि शुल्क हटा दिया था. इससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई और कारोबार भी बढ़ा. वर्तमान सरकार ने फिर से 2% बाजार शुल्क लगाने का निर्णय किया है. इससे किसानों, खाद्यान्न कारोबारी के साथ साथ ट्रेडर्स और आम जनों को महंगाई की मार झेलनी होगी.

Last Updated : Feb 14, 2023, 9:09 PM IST
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