रांची: राज्य के आंगनवाड़ी सेविका संघ अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन करती रही है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है. इसी कड़ी में आंगनबाड़ी सेविका संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर रांची राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना दिया गया.
समान काम समान वेतन
आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग हैं कि उन्हें 18 हजार और सहायिका को 9 हजार मानदेय और झारखंड सरकार की ओर से सेविका को 10 हजार और सहायिका को 5 हजार अतिरिक्त मानदेय दी जाए, साथ ही समान काम समान वेतन लागू करने की भी मांग की जा रही है. झारखंड सरकार की ओर से 5 जून 2018 को संगठन के साथ लिखित समझौता किया गया था, उसे लागू करने की मांग भी लगातार आंगनबाड़ी सेविका कर रही है.
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5 लाख आर्थिक लाभ और पेंशन
आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका की मांग है कि सेवानिवृत्ति दिल्ली, हरियाणा, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के तर्ज पर 65 साल की जाए. सेवानिवृत्ति के बाद 5 लाख आर्थिक लाभ और पेंशन लागू करने की भी मांग की जा रही है.
80 हजार आंगनवाड़ी सेविका हैं कार्यरत
झारखंड में लगभग 80 हजार आंगनवाड़ी सेविका कार्यरत हैं और अपनी तमाम मांगों को लेकर आंदोलन करती रही है. इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर आंगनवाड़ी सेविका पुरजोर धरना-प्रदर्शन और विरोध प्रकट कर रही है, ताकि उनकी मांगे पूरी हो सके, लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में यह एक बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है.