रांची: हजारीबाग में आए दिन सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. पर्व त्यौहारों के वक्त विसर्जन और जुलूस के दौरान अक्सर टकराव की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ताजा मामला पेलावल थाना क्षेत्र का है. रांची में 8 अक्टूबर को शौर्य जागरण यात्रा में शामिल होकर लौट रहे बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ताओं से भरी बस पर कटकमसांडी रोड के पास पथराव किया गया. इस हमले में दर्जन भर लोग घायल हैं. इनमें कुछ महिलाएं भी हैं. अब सवाल है कि आखिर हजारीबाग में आए दिन इस तरह की घटनाएं क्यों सामने आती हैं. खासकर पर्व-त्यौहारों के वक्त अमन चैन बिगाड़ने वाले उपद्रवी कहां से आ जाते हैं. रविवार की रात हुई घटना के बाद पेलावल इलाके की स्थिति क्या है.
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प्रशासन और पुलिस का क्या कहना है: हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चौथे ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. एफआईआर की प्रक्रिया चल रही है. उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी. वहीं हजारीबाग सदर के एसडीओ विद्या भूषण ने ईटीवी भारत को बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं. संबंधित इलाके में फोर्स की विशेष तैनाती भी है. जनजीवन सामान्य है. जहां तक कार्रवाई की बात है तो पुलिस के स्तर पर इस दिशा में सबकुछ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है.
विश्व हिंदू परिषद का क्या है स्टैंड: विहिप के प्रांत प्रचार प्रसार सह प्रमुख प्रकाश रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मिलकर पूरे मामले से उन्हें अवगत कराएगा. जिस जगह पर पथराव हुआ है, वह बेहद सेंसिटिव इलाका है. अक्सर वहां तनाव फैलाने की कोशिश होती है. विहिप कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे. इसके बावजूद पथराव किया गया. पुलिस ने भी सब कुछ देखा है. पथराव में बस ड्राइवर मनोज यादव को सिर में गंभीर चोट लगी है. उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि आज एक दल हजारीबाग जाने की तैयारी में था लेकिन प्रशासन ने नहीं आने का आग्रह किया है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि रात के वक्त जिस तरह से कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, वह सरासर अन्याय है. एक समुदाय विशेष के लोगों ने जानबूझकर हमला किया. उन्होंने कहा कि नारेबाजी का आरोप सरासर गलत है. उस वक्त रात हो चुकी थी. सभी लोग शांति से बस में बैठे थे और अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे. इस मामले में हजारीबाग के एसपी से बात हुई है. उन्होंने कहा है कि उपद्रवियों को चिन्हित कर लिया गया है, कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हजारीबाग इकाई को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा गया है. अगर उपद्रवियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो सड़क पर आंदोलन शुरू होगा.
आखिर क्या है पूरा मामला: दरअसल, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से राज्य के चार क्षेत्रों में 156 सभाएं करते हुए रांची में शौर्य जागरण यात्रा का समापन कार्यक्रम था. इसमें शामिल होने के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों से कार्यकर्ता रांची पहुंचे थे. लेकिन रांची से लौटते वक्त रात करीब 8.30 बजे बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं से भरी बस पर हजारीबाग कटकमसांडी रोड के पेलावल में पथराव शुरू कर दिया गया. भारी संख्या में विशेष समुदाय के लोगों ने गाड़ी पर पथराव किया. इससे वहां अफरा-तफरी मच गई. कई लोगों के सिर फट गये. भीड़ से कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने किसी तरह घायलों को आसपास के अस्पतालों में भेजा. देर रात बजरंग दल के कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद घर तक पहुंचाया.
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क्यों निकाली गई थी शौर्य जागरण यात्रा: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विहिप ने पूरे राज्य से कार्यकर्ताओं को शौर्य जागरण यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रांची बुलाया था. कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं को बताया गया कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद मथुरा और काशी में भी भव्य मंदिर का निर्माण होना है. धुर्वा के जगन्नाथ मंदिर मैदान में आयोजित धर्म सभा में महामंडलेश्वर सूर्य नारायण दास, महा त्यागी जी महाराज, स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी ने अपनी-अपनी यात्रा का अनुभव साझा करते हुए कहा था कि आने वाले समय में देशभर में सभी वैसे मंदिरों का निर्माण कर दिया जाएगा, जो इतिहास के पन्नों में समा गये हैं. मांडर विधानसभा की पूर्व भाजपा विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा था कि देश में धर्म के प्रति लोगों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है. तभी आने वाले समय में देश की संस्कृति और परंपरा अगली पीढ़ी तक पहुंच सकेगी.
हजारीबाग में पूर्व में भी हुई हैं कई घटनाएं: इसी साल अप्रैल माह में रामनवमी के दौरान डीजे बजाने से रोकने और पुलिस पर हमला करने के मामले में माहौल बिगड़ा था. धार्मिक स्थल पर तोड़फोड, पथराव और नारेबाजी हुई थी. इस मामले में कोर्रा और लोहसिंहना थाना में कई प्राथमिकी दर्ज हुई थी. उन घटनाओं में 103 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था. फरवरी 2022 में सरस्वती पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान दो गुटों में झड़प हुई थी. इसमें रूपेश कुमार पांडेय नाम के युवक की हत्या होने से माहौल बिगड़ गया था. अफवाहों को रोकने को लिए प्रशासन को कई दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद करना पड़ा था. इस मसले पर जमकर राजनीति भी हुई थी. अगस्त 2020 में कटकमदाग थाना क्षेत्र में गोकशी के बाद सांप्रदायिक तनाव हुआ था. दोनों तरफ से हुए पथराव में थाना प्रभारी के अलावा कई लोग घायल हुए थे. कई गाड़ियों को आग के हवाले भी किया गया था. अप्रैल 2016 में पेलावल और कटकमदाग क्षेत्र में रामनवमी के दौरान हालात बिगड़ने पर प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा था.