रांची: सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच जमीन माफिया के द्वारा जिस तरह से शुक्रवार को राजधानी में जमीन को लेकर खून खराबा हुआ उसने पुलिस को चिंता में डाल दिया है. शुक्रवार को दिनदहाड़े जमीन माफिया के द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए थे. हालांकि राजधानी में राजधानी रांची में जमीन को लेकर खूनी संघर्ष कोई नई बात नहीं है. आए दिन किसी ना किसी को जमीन की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ती है. जमीन कारोबार का अपराधीकरण इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है.
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खासकर जब से जमीन के धंधे में नए क्रिमिनल्स और हिस्ट्रीशीटरों का दखल शुरू हुआ था जमीन का कारोबार और भी रक्त रंजित हो गया. इस कारोबार में पुलिस का संरक्षण भी जमीन माफियाओं को लगातार मिलता रहा है जिस वजह से समय-समय पर पुलिस की भी काफी बदनामी हुई है. आंकड़े बताते हैं कि राज्य बनने के बाद सिर्फ राजधानी रांची में ही 1780 से ज्यादा लोगों की हत्या सिर्फ जमीन विवाद में हुई है.
बड़े अपराधी जुड़े जमीन के धंधे में: दरअसल, राजधानी में जमीन को लेकर खून खराबा के पीछे सबसे बड़ी वजह जमीन के धंधे में बड़े अपराधियों का शामिल होना है. अपराधियों ने जमीन के धंधे को अपना पेशा बना लिया है. हर छोटे बड़े अपराधी अब जमीन के धंधे में पांव पसार रहे हैं. कुख्यात से लेकर छूटभैये अपराधी जेल से छूटकर सीधे जमीन के धंधे में जुड़ रहे हैं. कई कुख्यात अपराधी जमीन पर अपना व्यवस्थित ढंग से प्रोजेक्ट भी चला रहे हैं. कई तो अपने पुराने अपराधिक इतिहास का फायदा उठाकर जमीन माफिया के लिए जमीन कब्जा करने का काम कर रहे हैं.
बड़े अपराधियों का चल रहा जमीन का प्रोजेक्ट: राजधानी में कुख्यात अपराधियों का जमीन के धंधे से संबंधित प्रोजेक्ट भी खूब फल फूल रहा है. कुख्यात लव कुश शर्मा, संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा, गेंदा सिंह, अमन साव, श्रीवास्तव गिरोह, अनिल शर्मा गिरोह, डब्लू सिंह गिरोह के साथ साथ जेल में बंद कई बड़े अपराधी भी जमीन का धंधा कर रहे हैं. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार कुख्यात बिट्टू मिश्रा, संदीप थापा, लव कुश शर्मा का रांची के चान्हो, नगड़ी, पंडरा, रातू, धुर्वा, जगन्नाथपुर, तुपुदाना, डोरंडा, चुटिया, नामकुम, लोअर बाजार, सदर, लालपुर, खेलगांव, मेसरा, कोतवाली, बरियातू, हिंदपीढ़ी, काके, गोंदा सहित अन्य इलाकों की जमीन के धंधे में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. जबकि जेल में बंद गेंदा सिंह की जमीन कांके रोड और हटिया इलाके में है. गैंगस्टर सुजीत सिन्हा हटिया, कांके के संग्रामपुर, रातू और नगड़ी इलाके की जमीनों पर कब्जा दिलाने का कईं ठेका ले रखा है. कई जगहों पर खुद की जमीन का प्रोजेक्ट भी चल रहा है, जिसमें इनके गिरोह से जुड़े सदस्य काम कर रहे हैं.
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क्या है पुलिस के पास नकेल कसने के प्लान: रांची के रूरल एसपी नौसाद आलम ने बताया कि नामकुम वाले मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आगे इस तरह की घटना न हो उसके लिए पुलिस काम कर रही है. नौसाद आलम के अनुसार वैसे सभी विवादित जमीन जिनकी वजह से भविष्य में कोई घटना घट सकती है थाना स्तर से उसका डाटा तैयार किया जाएगा, डाटा तैयार करने के बाद संबंधित विभागों को पुलिस पत्र लिखकर विवादित जमीनों को लेकर ध्यान आकृष्ट करवाएगी ताकि विभाग की तरफ से ही मामले का निपटारा हो जाए. पुलिस अपने सूचनातंत्र के माध्यम से यह जानकारी इकट्ठा करेगी की कौन-कौन से जमीन पर विवाद है. जिसके बाद उसके संबंध में पूरी जानकारी इकट्ठा कर सीओ और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई के लिए आग्रह किया जाएगा.
विवाद के पीछे कौन यह भी पता लगाएगी पुलिस: अक्सर जमीन विवाद के पीछे सिर्फ दो पक्ष ही नहीं होता है एक तीसरा व्यक्ति भी होता है जो जमीन माफिया होता है या फिर सफेदपोश. ऐसे लोग जमीन पर कब्जे के लिए दोनों पक्षों को बरगला कर अपना काम निकालते हैं. जमीन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए थाना स्तर से जमीन माफियाओं की सूची तैयार की जा रही है, जिसके बाद उन पर सीसीए के तहत कार्रवाई की जाएगी. रांची पुलिस वैसे जमीन माफिया जिनपर जघन्य अपराधिक मामला दर्ज होगा उन्हें जिलाबदर किया जाएगा.जबकि जिनके खिलाफ छोटे मामले दर्ज होंगे उनके खिलाफ थाना हाजिरी की कार्रवाई की जाएगी.