रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची और राष्ट्रीय कृषि प्रसार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद की ओर से 'कृषि प्रसार में सूचनाएं संचार प्रौद्योगिकी और मास मीडिया' विषय पर संयुक्त रूप से आयोजित पांच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ.
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क्या है साइब्रेरी
उद्घाटन करते हुए बीएयू के कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एमएस यादव ने कहा कि आईसीटी के प्रयोग से कृषि विश्वविद्यालयों की तीनों प्रमुख गतिविधियां शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा बेहतर ढंग से संचालित हो रहीं हैं. विश्वविद्यालयों की वेबसाइट और पोर्टल शैक्षणिक सामग्री और शोध प्रकाशनों से भरी पड़ी है.
इन ऑनलाइन संसाधनों को 'साइब्रेरी' भी कहा जाता है. नई तकनीकों और सामयिक सूचनाओं के प्रभावी प्रसार के लिए कृषि विश्वविद्यालयों, आईसीएआर और सरकारी विभागों ने अपने पोर्टल, मोबाइल ऐप और कॉल सेंटर विकसित किए हैं. फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया भी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं.
क्या बोले डॉ एमएस यादव
विश्वविद्यालयों के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी इतनी महत्वपूर्ण हो गई है कि इससे संबंधित ढांचागत सुविधाओं के विकास और रखरखाव के लिए अलग से बजट उपबंध करने पड़ते हैं. बीएयू ने भी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा स्मार्ट क्लासरूम और वर्चुअल क्लासरूम विकसित किए हैं.
कार्यक्रम समन्वयक डॉ बीके झा ने स्वागत भाषण में कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के विश्लेषणात्मक कौशल के विकास में सहायक होगा. जिससे वे बेहतर योजना, परियोजना तैयार कर सकेंगे और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी. उन्होंने प्रतिभागियों की विविधता और प्रशिक्षकों की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया.
मैनेज के वरीय सहायक निदेशक भास्कर गुज्जी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से बीएयू और मैनेज के बीच आपसी सहयोग सुदृढ़ होगा. उन्होंने कहा कि किसानों के लाभ के लिए दोनों संस्थानों ने आईसीटी आधारित कई एप्लीकेशंस विकसित किए हैं.
उद्घाटन सत्र का संचालन और धन्यवाद प्रो आलोक कुमार पांडेय ने व्यक्त किया.