रांची: माता लक्ष्मी को नए धान की बाली और कमल के फूल काफी प्रिय हैं. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि नए धान की बाली और कमल फूल से माता लक्ष्मी की आराधना करने से मनोवांछित फल की कामना होती है और नए धान की बाली और कमल फूल शहर में ग्रामीण क्षेत्र के लोग मुहैया कराते हैं. इस वर्ष भी विभिन्न क्षेत्रों से ग्रामीण शहर पहुंचे और माता लक्ष्मी के इन दोनों प्रिय पूजन सामग्री को मुहैया कराया.
जब तक मां के चरणों पर धान कटनी के बाद धान की बाली अर्पित नहीं की जाती है, तब तक उस अन्न को ग्रहण नहीं किया जाता. इसीलिए लक्ष्मी पूजन के दौरान नए धान की बाली का खासा महत्व है. राजधानी रांची शहर में धान की बाली मुहैया कराने के लिए शहर से दूर ग्रामीण क्षेत्रों से प्रत्येक वर्ष दीपावली के मौके पर लोग आते हैं. 5 रुपये से 20 रुपये प्रति पीस धान की बाली बेची जा रही है. ये ग्रामीण भी इस महत्व को समझते हैं. खेत से उठाकर पहले मां के चरणों में इसे अर्पित किया जाता है. उसके बाद ही इसे पकाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि रहती है. हमेशा घर परिवार खुशहाल रहता है.
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कमल फूल का महत्व
लक्ष्मी पूजन में कमल फूल का भी काफी महत्व होता है. पुराणों में देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला और कमलासना है, यानी कमल फूल में विराजमान रहने वाली. ऐसी मान्यता है कि कमल फूल में नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की शक्ति होती है और घर में कमल फूल माता लक्ष्मी पर अर्पित करने से नकारात्मक शक्तियां भाग जाती हैं. कमल फूल माता लक्ष्मी का काफी प्रिय है. जहां कमल फूल और नूतन धान के बाली के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है. वहां हमेशा माता लक्ष्मी का वास होता है. इसीलिए कमल फूल और धान की बाली का महत्व काफी है और इसी वजह से इसकी खरीदारी भी जमकर हो रही है.