रांची: झारखंड के 24 में से 23 जिलों में सामान्य से कम हुई मानसूनी बारिश ने राज्य के अन्नदाताओं के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों के चेहरे पर भी परेशानी ला दी है. देर से आये मानसून और झारखंड के साथ बारिश की बेरुखी ने राज्य में खेती-बाड़ी की स्थिति को बिगाड़ दिया है. अब राज्य के किसान और कृषि विभाग को उम्मीद है कि IMD के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 15 दिनों तक राज्य में अच्छी वर्षा हो और हालात सुधरें.
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पिछले वर्ष की तरह बनते जा रहे हैं हालात: कृषि निदेशालय के उप निदेशक मुकेश सिन्हा ने कहा कि अभी राज्य में वर्षा और खेती की स्थिति अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि कल तक राज्य में 434 मिमी की जगह 236 मिमी वर्षा हुई है. मानसून ने राज्य में देर से दस्तक दी थी. 19 जून को मानसूनी हवाएं राज्य में पहुंची थी. वहीं 22-23 जून को पूरे राज्य में इसका स्प्रेड हो गया था. बावजूद इसके जून महीने में काफी कम वर्षा हुई. उप निदेशक ने कहा कि जून के जैसे ही जुलाई महीने में भी सामान्य से लगभग 46% कम वर्षा हुई है.
IMD के पूर्वानुमान पर कृषि निदेशालय की नजर: कृषि उपनिदेशक ने बताया कि मौसम केंद्र,रांची ने 28 जुलाई से अच्छी वर्षा होने की संभावना जताई है. IMD के पूर्वानुमान पर राज्य के किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग की भी उम्मीदें टिकी हैं. कृषि उप निदेशक ने बताया कि राज्य के किसान 15 अगस्त तक धान की रोपनी करते हैं. ऐसे में अगर अगले 10-15 दिन अच्छी वर्षा हो गयी तो स्थिति में सुधार होने की संभावना है.
वैकल्पिक खेती की तैयारी भी कर रहा है विभाग: वर्ष 2022 में राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडो में सुखाड़ था. कमोबेश वही स्थिति राज्य में इस वर्ष भी बनती दिख रही है. ऐसे में कृषि निदेशालय ने सभी जिले के जिला कृषि पदाधिकारियों को वैकल्पिक खेती का विकल्प तैयार रखने को कहा है. बारिश सामान्य से काफी कम होने की स्थिति में जहां आत्मा के सहयोग से किसानों को संगोष्ठी के माध्यम से धान की सीधी बुआई की जानकारी देने को कहा गया है. वहीं धान की जगह अन्य फसल जैसे मक्का, रागी, दलहन, तिलहन की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
राज्य में सिर्फ 13-14% धान आच्छादन: राज्य में सामान्य से कम वर्षा की वजह से खेतों में धान की रोपनी के लायक पानी नहीं है. ऐसे में अभी तक 02 लाख 30 हजार हेक्टेयर (13%) में ही धान का आच्छादन हुआ है. वहीं मक्का, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों को मिलाकर कुल मिलाकर 05 लाख 50 हजार हेक्टेयर(20%) का आच्छादन हुआ है. राज्य में कुल खेती लगभग 28 लाख हेक्टेयर में होती है, उसमें 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. खराब मौसम की वजह से इस वर्ष खेती की स्थिति बेहद खराब है.