रांची: हथियार तस्करों के खिलाफ रांची पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पहले मांडर इसके बाद नरकोपी थाना क्षेत्र के झींकपानी के डुमरी में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन करते हुए एक घर से हथियारों का जखीरा बरामद किया है. पुलिस को हथियार बनाने के औजार भी मिले हैं. सभी हथियार घर के सीढ़ी के नीचे गड्ढे में छिपाए गए थे.
ये सामान मिले
रांची एसएसपी सुरेंद्र झा के निर्देश पर मंगलवार को पुलिस टीम ने हथियार कारोबारी साहिर अंसारी घर पर छापेमारी की थी. हालांकि उसे पुलिस के आने की उसे भनक लग गई. पुलिस का कहना है कि इससे हथियार कारोबारी साहिर अंसारी भागने में सफल रहा. पुलिस का कहना है कि, आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस ने एक कारबाइन, तीन देसी पिस्टल, टीन के डब्बे में रखी अलग-अलग बोर के तीन दर्जन कारतूस, कार और हथियार बनाने के समान मिले.
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आरोपी पिछले पांच वर्षों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर हथियार के अवैध कारोबार में जुटा था. झा ने बताया कि यह कारोबार मो. रकीब और साहिर मिलकर करते थे.
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ऐसे हुआ खुलासा
एसएसपी ने बताया कि 25 जनवरी को मांडर में मिनी गन फैक्ट्री संचालित होने की जानकारी मिली थी. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम के नेतृत्व में मांडर थाने के सशस्त्र बल और क्यूआरटी टीम ने बूढ़ा मांडर थाना क्षेत्र के बूढ़ा खुखरा में छापेमारी कर मो. रकीब के घर छापेमारी की, जिसमें पुलिस को उसके घर से बड़ी मात्रा में हथियार मिले थे. पूछताछ में उसने बताया कि हथियार बनाने के कारोबार में झींकपानी का साहिर भी शामिल है. उसी की निशानदेही पर पुलिस को सफलता मिली. एसएसपी ने बताया कि मो. रकीब और साहिर पेशेवर अपराधी हैं और इससे पहले भी आर्म्स एक्ट में जेल जा चुके हैं.
बाहर से मंगाते थे हथियार का पार्टस, घर में करता थे असेंबल
पुलिस की पूछताछ में मो रकीब ने बताया कि हथियार के महत्वपूर्ण पार्ट्स मुंगेर, उत्तरप्रदेश आदि स्थानों से मंगाता था. कई पार्ट्स रांची में ही बनाता था, फिर आर्डर के अनुसार अपने घर में ही कारबाइन, देसी पिस्टल आदि तैयार करता था. यही नहीं आर्म्स के साथ ग्राहकों को अलग-अलग बोर की गोली भी उपलब्ध कराता था.
कम समय में ही बनना चाहता था करोड़पति, सब्जी वाले को बनाया था मिडिल मैन
एसएसपी ने बताया कि मो. रकीब दिव्यांग है लेकिन वह करोड़पति बनना चाहता था. इसलिए हथियार के कारोबार से जुड़ गया, वह कम समय में ही ढेरों पैसा कमा लेना चाहता था. इसी चाहत को पूरा करने के लिए घर को ही मिनी गन फैक्ट्री में तब्दील कर दिया. पुलिस को भनक न लगे इस कारण हथियार की डिलिंग खुद नहीं करता था. इसके लिए एक सब्जी वाले को मध्यस्थ बनाया था. हथियार बनाने के बाद सब्जी वाले को दे देता था फिर सब्जी वाला ग्राहक को हथियार बेचता था.
क्या क्या हुआ बरामद
कारबाइन-01, देसी पिस्टल, तीन, सिकंजा 1, टूल बॉक्स 1, हैंंड ड्रिल मशीन 2, हेक्सा ब्लेड, 9 एमएम जिंदा गोली 10, 7.65 एमएम गोली 3,7.65 एमएम खोखा 10, .315 एमएम गोली 2 आदि।