रांची: जिस अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश के लिए निलंबित आईएएस अधिकारी छवि रंजन ने जमीन के कागजातों में हेराफेरी करवाई, जमीन घोटाला तक कर डाला, अब छवि रंजन उनके साथ ही अपने किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार कर रहे हैं. ईडी के रिमांड पर पहले दिन पूछताछ के दौरान छवि रंजन ने दोनों से से किसी भी तरह के परिचय से साफ इंकार कर दिया.
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दिन के 12 बजे से हुई शुरुआत: गौरतलब है कि छवि रंजन को ईडी ने छह दिनों के रिमांड पर लिया है. रिमांड के पहले दिन ईडी की टीम छवि रंजन को रविवार दिन के 12 बजे रांची जेल से लेकर एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी जोनल कार्यालय पहुंची. इसके बाद छवि रंजन से पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों ने जब छवि रंजन से प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल से उनके संबंधों के विषय में पूछताछ की, तब छवि रंजन ने दोनों से किसी भी तरह के परिचय से ही इंकार कर दिया. लेकिन ईडी के अधिकारियों ने जब दोनों से परिचय के संबंध में सबूत दिखाए तो छवि रंजन ने चुप्पी साध ली.
विष्णु अग्रवाल से कब से परिचय है, गोवा ट्रिप के बारे में भी ईडी ने पूछा: ईडी अफसरों ने छवि रंजन से पूछताछ के दौरान रांची के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल से परिचय के संबंध में भी पूछताछ की. छवि से ईडी अधिकारियों ने पूछा कि वह कारोबारी विष्णु अग्रवाल को कब से जानते हैं, तब छवि रंजन ने बताया कि जब उनकी पोस्टिंग रांची डीसी के रूप में हुई, तब से ही वो विष्णु अग्रवाल को जानते हैं. विष्णु अग्रवाल के पक्ष में बड़गाईं की एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के बदले गोवा के पांच सितारा होटल की ट्रिप को लेकर भी ईडी ने सवाल पूछे. इन सब सवालों पर छवि रंजन असहज नजर आए. ईडी ने छवि से यह भी पूछा कि उन्होंने कौन कौन से विवादित जमीन को लेकर विष्णु अग्रवाल को फायदा पहुंचाया. ऐसे सवालों पर छवि चुप्पी साध ले रहे थे.
सेना की जमीन मामले में भी हुई पूछताछ: रांची में सेना की 4.55 एकड़ जमीन भी फर्जी मालिक प्रदीप बागची को खड़ा कर कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल से जुड़ी कंपनी जगतबंधु टी एस्टेट को बेच दी गई थी. इस षडयंत्र में शामिल होने के विषय में ईडी के अधिकारियों ने छवि रंजन से सवाल किया. छवि रंजन से पूछा गया कि उन्होंने बतौर रजिस्ट्रार तत्कालीन सब रजिस्ट्रार को जमीन की रजिस्ट्री जगतबंधु टी एस्टेट के पक्ष में करने का आदेश क्यों दिया, लेकिन छवि रंजन ने अमित अग्रवाल से भी पहले किसी भी तरह का परिचय होने से इंकार कर दिया.
ईडी अधिकारियों ने छवि रंजन से पूछा कि जब उन्हें सीओ बड़गाईं मनोज कुमार ने जमीन के जयंत करनाड की दावेदारी को सही होने की बात कही थी, तो क्यों उन्होंने सीओ मनोज कुमार और बड़गाईं अंचल के इंस्पेक्टर बीरेंद्र कुमार साहू को कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कार्यालय भेजा था. दोनों जगहों पर अलग अलग दस्तावेज होने के बाद भी क्यों जगतबंधु टी एस्टेट के पक्ष में रजिस्ट्री की गई? इसके लिए बतौर रजिस्ट्रार और डीसी किस अधिकार का प्रयोग छवि रंजन ने किया. इन सभी सवालों पर छवि बेहद असहज हो गए. छवि रंजन ने इन सब को लेकर जो भी जवाब दिए, उससे ईडी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए.
विष्णु अग्रवाल को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की तैयारी: जमीन घोटाले को लेकर सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है. सोमवार को चेशायर होम जमीन को लेकर ईडी कारोबारी विष्णु अग्रवाल, राजेश राय, लखन सिंह और भरत प्रसाद से पूछताछ करेगी. ईडी ने चारों को एक साथ समन किया है. वहीं इसी मामले में ईडी की टीम पूर्व डीसी छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल को आमने सामने बैठाकर भी पूछताछ करने की तैयारी में है.