रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के बिगुल बजने के बाद राजनेताओं में दल बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. हुसैनाबाद के बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने सोमवार देर शाम हाथी से उतरकर आजसू पार्टी का दामन थाम लिया है.
आजसू के केंद्रीय कार्यालय में एक मिलन समारोह के दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी विधायक के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आजसू पार्टी में शामिल हो गए हैं. इस दौरान बसपा विधायक काफी भावुक दिखे, कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि बसपा से मुझे मोहभंग इसलिए हुआ क्योंकि बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती सीमित हो गई हैं.
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बसपा अपनी पार्टी के विस्तार को लेकर झारखंड से किनारा कर रही थी. झारखंड में कई बार उन्हें नेता दिया. लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और इस वजह से पार्टी का ग्रोथ नहीं हो सका. इधर आजसू पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा शिवपूजन मेहता एक जमीन से जुड़े हुए नेता है. उनके आने से पार्टी में मजबूती आएगी.
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लक्ष्मण गिलुवा की बयान का कोई औचित्य नहीं
सुदेश महतो ने बातों ही बातों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के उन बयानों को खारिज किया है. जिनमें कहा गया था कि आजसू को 8 सीट दी जाएगी. सुदेश महतो ने कहा कि आजसू पार्टी की सीधी बात केंद्रीय नेतृत्व से होती है. लक्ष्मण गिलुवा की बयान का कोई औचित्य नहीं है. इशारों-इशारों में सुदेश महतो ने यह भी कहा कि 2014 में कम सीटों पर चुनाव लड़ना उनकी मजबूरी थी, लेकिन 2019 में चुनाव का परिवेश बदल गया है. सुदेश महतो के इन बयानों से इतना तो साफ दिख है कि चुनावी माहौल राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. कहीं ना कहीं इस सरगर्मी से सहयोगी दल अपनी अपनी भड़ास निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.