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हेमंत सरकार के 100 दिन: कितने वादे हुए पूरे, कितने रह गए अधूरे, जानिए पूरी हकीकत - how much work done in Hemant government

2019 में जबरदस्त बहुमत मिलने के बाद हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने. हेमंत सोरेन की सरकार के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. ऐसे में इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या सत्ताधारी दलों ने चुनाव के समय जो वायदे किए थे, उसे पूरा किया है या नहीं. वैसे तो 100 दिन बहुत कम होते हैं किसी सरकार के लिए, लेकिन वादे तो वादे होते हैं.

100 days of Hemant government completed
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Published : Apr 7, 2020, 6:06 AM IST

Updated : Apr 7, 2020, 11:07 PM IST

रांची: सरकार गठन के साथ ही हेमंत सोरेन काफी सक्रिय दिखने लगे. पहली कैबिनेट से लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से भी ताबड़तोड़ कड़े फैसले लेने लगे. पहली कैबिनेट की बैठक में ही पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान जेल में गए आंदोलनकारियों को रिहा करना और उनके ऊपर किए गए मुकदमे वापस लेने का फैसला कर डाला. साथ ही पिछले 19 साल जो झारखंड सरकार के प्रतीक चिन्ह के रूप में चले आ रहे लोगो को बदलने का फैसला किया. पलही कैबिनेट की बैठक में लिए गए बड़े फैसले के बाद सभी को लगने लगा कि सरकार बहुत कुछ नया करने जा रही है, लेकिन कैबिनेट विस्तार और बाकी फैसलों में हो रही देरी से लोगों को निराशा भी होने लगी है.

100 days of Hemant government completed
घोषणापत्र जारी करते जेएमएम नेता

ये वादे किए पूरे, बेरोजगारी भत्ता

हेमंत सरकार ने युवाओं से वादा किया था कि दो साल के अंदर सरकारी विभागों में खाली पड़े सभी पदों को भरा जाएगा. जब तक सरकार नौकरी नहीं देगी तब तक उन्हें बोरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. सरकार ने बेरोजगार युवकों को भत्ता देने का फैसला किया है, इस फैसले के तहत स्नातक पास बेरोजगारों को 5000 और स्नातकोत्तर को 7000 रुपए सलाना दिया जाएगा. फैसला तो हो गया है लेकिन इस बाबत नोटिफिकेशन का इंतजार है.

100 days of Hemant government completed
लोगों को सम्मानित करते हेमंत

किसानों की कर्ज माफी

किसानों की कर्ज माफी का वादा सत्ताधारी दलों के मेनिफेस्टो में सबसे अहम और लोकलुभावन था. किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफी को लेकर सरकार ने फैसला किया है, जिसे लेकर एक कमिटी बनाई जाएगी जो इससे जुड़े सुझाव सरकार को देगी तब अंतिम फैसला लिया जाएगा.

100 days of Hemant government completed
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम

पारा शिक्षक सेवा नियमावली

पिछले कुछ सालों से झारखंड में पारा शिक्षकों को लेकर राजनीति होती रही है. रघुवर दास सरकार के दौरान पारा शिक्षकों का आंदोलन काफी लंबा चला, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जिसका खामियाजा बीजेपी को सत्ता से बाहर होकर उठाना पड़ा. जेएमएम ने पारा शिक्षकों से उनकी मांगों को मानने का वादा किया था. सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही सरकार ने पारा शिक्षकों के लिए नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

100 days of Hemant government completed
पत्नी के साथ पूजा करते हेमंत

इन वादों पर भी हुआ काम

हेमंत सोरेन ने मुु्‌ख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दिन ही आदिवासियों पर पत्थलगड़ी के नाम किए गए मुकदमों को वापस लिया और जो जेल में बंद हैं उन्हें रिहा करने फैसला किया. इसके अलावा जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि कैंसर पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी. सरकार ने इसे पूरा कर दिया. अब राज्य के गरीबों के असाध्य रोगों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगी.

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वादे जो हैं अधूरे

सत्ता में आने से पहले जेएमएम ने वादा किया था कि दुमका के अलावा तीन और शहरों पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को उपराजधानी बनाया जाएगा. इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. जेएमएम ने राज्य के नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं और 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने की बात कही थी जिसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. राज्य की गरीब महिलाओं को 2 हजार रुपए हर महीने देने का वादा किया गया था जिस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है. दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में 100 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही गई थी जो अभी तक अधूरे हैं.

100 days of Hemant government completed
लोगों से मिलते सीएम हेमंत

इसे भी करना है पूरा

  • आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका सेवा शर्त एवं वेतनमान का निर्धारण किया जाएगा.
  • पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.
  • शहीदों के जन्मस्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
  • शहीद के परिवार के एक सदस्य को सीधे सरकारी नौकरी देने का कानून बनाया जाएगा.
  • जनवितरण प्रणाली से चायपति, सरसों तेल, साबुन, दाल भी दिया जाएगा.
  • घरेलू उद्योग के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
  • भूमि सुधार आयोग का गठन व प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जाएगा.
  • हर प्रखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा.
  • 25 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएगा.
  • 5 साल तक उपयोग में नहीं लाए गए अधिग्रहित भूमि को रैयतों को वापस की जाएगी.
  • पलामू, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज एवं देवघर को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा.

100 दिन किसी भी सरकार के लिए बहुत कम होते हैं और ऐसे समय में जब पूरे देश की सरकार का ध्यान पिछले एक महीने से कोरोना महामारी से निपटने पर केंद्रित हो. वैसे तो हेमंत सोरेन सोशल मीडिया ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं. ट्विटर के माध्यम से मिले शिकायत पर तुरंत एक्शन लेते हुए हेमंत अधिकारियों को ट्विटर के माध्यम से ही दिशा निर्देश देते रहते हैं, जिसका फायदा लोगों को निश्चय हो रहा है. लेकिन कुछ दिनों पहले तक जेएमएम का कहना था कि उनकी जनता जल जंगल और जमीन से जुड़े हैं. सोशल माध्यम से उनकी जनता फ्रैंडली नहीं है. ऐसे में सोशल मीडिया पर ज्यादा फोकस कितना सही है.

रांची: सरकार गठन के साथ ही हेमंत सोरेन काफी सक्रिय दिखने लगे. पहली कैबिनेट से लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से भी ताबड़तोड़ कड़े फैसले लेने लगे. पहली कैबिनेट की बैठक में ही पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान जेल में गए आंदोलनकारियों को रिहा करना और उनके ऊपर किए गए मुकदमे वापस लेने का फैसला कर डाला. साथ ही पिछले 19 साल जो झारखंड सरकार के प्रतीक चिन्ह के रूप में चले आ रहे लोगो को बदलने का फैसला किया. पलही कैबिनेट की बैठक में लिए गए बड़े फैसले के बाद सभी को लगने लगा कि सरकार बहुत कुछ नया करने जा रही है, लेकिन कैबिनेट विस्तार और बाकी फैसलों में हो रही देरी से लोगों को निराशा भी होने लगी है.

100 days of Hemant government completed
घोषणापत्र जारी करते जेएमएम नेता

ये वादे किए पूरे, बेरोजगारी भत्ता

हेमंत सरकार ने युवाओं से वादा किया था कि दो साल के अंदर सरकारी विभागों में खाली पड़े सभी पदों को भरा जाएगा. जब तक सरकार नौकरी नहीं देगी तब तक उन्हें बोरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. सरकार ने बेरोजगार युवकों को भत्ता देने का फैसला किया है, इस फैसले के तहत स्नातक पास बेरोजगारों को 5000 और स्नातकोत्तर को 7000 रुपए सलाना दिया जाएगा. फैसला तो हो गया है लेकिन इस बाबत नोटिफिकेशन का इंतजार है.

100 days of Hemant government completed
लोगों को सम्मानित करते हेमंत

किसानों की कर्ज माफी

किसानों की कर्ज माफी का वादा सत्ताधारी दलों के मेनिफेस्टो में सबसे अहम और लोकलुभावन था. किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफी को लेकर सरकार ने फैसला किया है, जिसे लेकर एक कमिटी बनाई जाएगी जो इससे जुड़े सुझाव सरकार को देगी तब अंतिम फैसला लिया जाएगा.

100 days of Hemant government completed
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम

पारा शिक्षक सेवा नियमावली

पिछले कुछ सालों से झारखंड में पारा शिक्षकों को लेकर राजनीति होती रही है. रघुवर दास सरकार के दौरान पारा शिक्षकों का आंदोलन काफी लंबा चला, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जिसका खामियाजा बीजेपी को सत्ता से बाहर होकर उठाना पड़ा. जेएमएम ने पारा शिक्षकों से उनकी मांगों को मानने का वादा किया था. सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही सरकार ने पारा शिक्षकों के लिए नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

100 days of Hemant government completed
पत्नी के साथ पूजा करते हेमंत

इन वादों पर भी हुआ काम

हेमंत सोरेन ने मुु्‌ख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दिन ही आदिवासियों पर पत्थलगड़ी के नाम किए गए मुकदमों को वापस लिया और जो जेल में बंद हैं उन्हें रिहा करने फैसला किया. इसके अलावा जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि कैंसर पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी. सरकार ने इसे पूरा कर दिया. अब राज्य के गरीबों के असाध्य रोगों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगी.

100 days of Hemant government completed
डिजाइन इमेज

वादे जो हैं अधूरे

सत्ता में आने से पहले जेएमएम ने वादा किया था कि दुमका के अलावा तीन और शहरों पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को उपराजधानी बनाया जाएगा. इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. जेएमएम ने राज्य के नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं और 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने की बात कही थी जिसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. राज्य की गरीब महिलाओं को 2 हजार रुपए हर महीने देने का वादा किया गया था जिस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है. दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में 100 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही गई थी जो अभी तक अधूरे हैं.

100 days of Hemant government completed
लोगों से मिलते सीएम हेमंत

इसे भी करना है पूरा

  • आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका सेवा शर्त एवं वेतनमान का निर्धारण किया जाएगा.
  • पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.
  • शहीदों के जन्मस्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
  • शहीद के परिवार के एक सदस्य को सीधे सरकारी नौकरी देने का कानून बनाया जाएगा.
  • जनवितरण प्रणाली से चायपति, सरसों तेल, साबुन, दाल भी दिया जाएगा.
  • घरेलू उद्योग के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
  • भूमि सुधार आयोग का गठन व प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जाएगा.
  • हर प्रखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा.
  • 25 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएगा.
  • 5 साल तक उपयोग में नहीं लाए गए अधिग्रहित भूमि को रैयतों को वापस की जाएगी.
  • पलामू, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज एवं देवघर को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा.

100 दिन किसी भी सरकार के लिए बहुत कम होते हैं और ऐसे समय में जब पूरे देश की सरकार का ध्यान पिछले एक महीने से कोरोना महामारी से निपटने पर केंद्रित हो. वैसे तो हेमंत सोरेन सोशल मीडिया ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं. ट्विटर के माध्यम से मिले शिकायत पर तुरंत एक्शन लेते हुए हेमंत अधिकारियों को ट्विटर के माध्यम से ही दिशा निर्देश देते रहते हैं, जिसका फायदा लोगों को निश्चय हो रहा है. लेकिन कुछ दिनों पहले तक जेएमएम का कहना था कि उनकी जनता जल जंगल और जमीन से जुड़े हैं. सोशल माध्यम से उनकी जनता फ्रैंडली नहीं है. ऐसे में सोशल मीडिया पर ज्यादा फोकस कितना सही है.

Last Updated : Apr 7, 2020, 11:07 PM IST
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