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सीएम के ऊर्जा विभाग में कथित कमीशन के खेल पर सदन बाधित, पक्ष और विपक्ष में तीखी नोक-झोंक

शुक्रवार को भी झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शोर शराबे से भरा रहा. ऊर्जा विभाग में कथित कमीशन में आए सीएम के नाम का मामला मासस विधायक ने उठाया. जिसपर पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक के साथ सदन की कार्यवाही को स्थागित कर दिया गया.

सदन में हंगामें के बीच सत्ता पक्ष के लोग
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Published : Jul 26, 2019, 1:48 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में कथित तौर पर कमीशन लेन-देन का आरोप लगाया था. जिसका असर शुक्रवार को भी सदन में देखने को मिला. सदन की कार्यवाही के दौरान यह मामला निरसा से मासस विधायक अरूप चटर्जी ने उठाया.

देखें पूरी खबर

चटर्जी ने साफ तौर पर कहा कि सीएम के नाम की चर्चा उस ई-मेल में की गई है, जिसमें झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ शिकायत है. चटर्जी ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप पर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा. जैसे ही यह मामला चटर्जी ने उठाया सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने खड़े होकर कहा कि इस तरह की बात सदन में नहीं होनी चाहिए. मुंडा ने कहा कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगना चाहिए.

मामले को लेकर विपक्षी जेएमएम के सदस्य भी अपनी सीट पर खड़े हो गए. जिसके बाद पक्ष और विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई. मामले में स्पीकर दिनेश उरांव ने बीच बचाव की कोशिश की लेकिन दोनों पक्ष शांत नहीं हुए. मुंडा ने कहा कि मीडिया में आई खबर में कहीं भी मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप नहीं लगा है. ऐसे में सदस्य सीधे तौर पर सीएम पर आरोप लगा रहे हैं, जो गलत है. उन्होंने विपक्ष को अपनी बातें वापस लेने को कहा.

ये भी पढ़ें- लोकसभा में पास हुआ ट्रिपल तलाक बिल, 303 सांसदों का समर्थन

इसके बाद स्पीकर के तीन कार्य स्थगन प्रस्तावों को अमान्य कर दिया. शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सोरेन ने एक ई-मेल का हवाला देते हुए कहा कि पलामू में बिजली वितरण से जुड़ी एक कंपनी ने निगम के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ कमीशन लेने का आरोप लगाया था.

रांचीः झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में कथित तौर पर कमीशन लेन-देन का आरोप लगाया था. जिसका असर शुक्रवार को भी सदन में देखने को मिला. सदन की कार्यवाही के दौरान यह मामला निरसा से मासस विधायक अरूप चटर्जी ने उठाया.

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चटर्जी ने साफ तौर पर कहा कि सीएम के नाम की चर्चा उस ई-मेल में की गई है, जिसमें झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ शिकायत है. चटर्जी ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप पर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा. जैसे ही यह मामला चटर्जी ने उठाया सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने खड़े होकर कहा कि इस तरह की बात सदन में नहीं होनी चाहिए. मुंडा ने कहा कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगना चाहिए.

मामले को लेकर विपक्षी जेएमएम के सदस्य भी अपनी सीट पर खड़े हो गए. जिसके बाद पक्ष और विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई. मामले में स्पीकर दिनेश उरांव ने बीच बचाव की कोशिश की लेकिन दोनों पक्ष शांत नहीं हुए. मुंडा ने कहा कि मीडिया में आई खबर में कहीं भी मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप नहीं लगा है. ऐसे में सदस्य सीधे तौर पर सीएम पर आरोप लगा रहे हैं, जो गलत है. उन्होंने विपक्ष को अपनी बातें वापस लेने को कहा.

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इसके बाद स्पीकर के तीन कार्य स्थगन प्रस्तावों को अमान्य कर दिया. शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सोरेन ने एक ई-मेल का हवाला देते हुए कहा कि पलामू में बिजली वितरण से जुड़ी एक कंपनी ने निगम के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ कमीशन लेने का आरोप लगाया था.

Intro:रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यवाहक अध्यक्ष और झारखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन द्वारा मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में कथित तौर पर कमीशन लेन-देन के आरोपों का असर शुक्रवार को भी देखने को मिला। सदन की कार्यवाही के दौरान यह मामला निरसा से मासस विधायक अरूप चटर्जी ने उठाया। चटर्जी ने साफ तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री तक के नाम की चर्चा उस ईमेल में की गई है, जिसमें झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ शिकायत की गई है। चटर्जी ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप पर राज्य सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए।


Body:जैसे ही यह मामला चटर्जी ने उठाया सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा उठ खड़े हुए और उन्होंने कहा कि इस तरह के बात सदन में नहीं होनी चाहिए। मुंडा ने कहा कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाना चाहिए। इसको लेकर विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य भी अपनी सीट पर खड़े हो गए और पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। मामले में स्पीकर दिनेश उरांव ने बीच बचाव संभव कोशिश की लेकिन दोनों पक्ष शांत नहीं हुए। मुंडा ने कहा कि मीडिया में आई खबर में कहीं भी मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप नहीं लगाया ऐसे में सदस्य सीधे तौर पर सीएम पर आरोप लगा रहे हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी बातों को वापस ले।


Conclusion:इसके बाद स्पीकर के तीन कार्य स्थगन प्रस्तावों को अमान्य कर दिया। इस दौरान हुए शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
दरअसल गुरुवार को सोरेन ने एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि पलामू जिला के में बिजली वितरण से जुड़ी एक कंपनी ने निगम के एमडी राहुल पुरवार के खिलाफ कमीशन लेने का आरोप लगाया था।
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