रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग(horse trading case) मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पीसी एक्ट के तहत आरोपी बनाए जाने का भाजपा ने विरोध किया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर राजनीतिक शत्रुता के तहत रघुवर दास पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
राजनीति दुश्मनी के चलते कार्रवाई कर रही है सरकार
बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि सत्ता आती जाती रहती है लेकिन इस तरह से राजनीतिक शत्रुतावश कार्रवाई करना कहीं से भी उचित नहीं है. इस केस में सफाई देते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि जब घटना हुई ही नहीं तब पीसी एक्ट कैसे लगेगा. विधायक निर्मला देवी ने राज्यसभा चुनाव 2016 के दौरान कांग्रेस के लोगों को वोट दिखाकर वोटिंग की थी. ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग कैसे होगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. लेकिन जिस तरह से यह कार्रवाई की गई है उसकी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा कर रही है.
यह भी पढ़ें: राज्यसभा हार्स ट्रेडिंग मामले में रघुवर दास का आरोप, कहा- झारखंड सरकार विद्वेष और बदले की कर रही राजनीति
राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले (horse trading case) में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है. जगन्नाथपुर थाना में दर्ज केस में प्राथमिक अभियुक्त के रूप में पूर्व में तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार को बनाया गया था. रांची एसएसपी की तरफ से जांच की अनुमति मांगे जाने के बाद राज्य सरकार की सहमति पर गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश हाल ही में जारी किया है.
इस मामले में सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के निर्देश पर रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने गृह विभाग को पत्र लिखा था. इसमें बताया गया था कि इस केस में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं को सुनिश्चित कराने और अनुराग गुप्ता, अजय कुमार और रघुवर दास के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच करने के लिए अनुमति प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 की धारा 17 ए के तहत जांच करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता है. इस मामले में राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राज्य सभा चुनाव 2016 के दौरान भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को वोटिंग के समय प्रलोभन देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी देने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ऑडियो और वीडियो टेप जारी कर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था. जिसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में केस दर्ज करने का आदेश सरकार को दिया था.