रांची: झारखंड सरकार के विभागीय सचिव अब जिलों में जाकर योजनाओं की समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्य सरकार के कामकाज को लेकर हाई लेवल बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. झारखंड मंत्रालय में हुई बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधि-व्यवस्था, जोहार पोर्टल, मुख्यमंत्री सूखा राहत फंड वितरण, 'आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार' के तहत आवेदनों की स्थिति, रेवेन्यू कलेक्शन, सुओ मोटो म्यूटेशन प्रणाली इत्यादि की समीक्षा हुई.
ये भी पढ़ें: 25 से 28 जनवरी तक रांची में परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर, कमिश्नर ने की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक हर हाल में पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने को कहा. जिन योजनाओं का शिलान्यास हुआ है, उन योजनाओं के कार्यों में तेजी लाकर ससमय उद्घाटन कराने को कहा.
विभागीय सचिवों को सीएम के निर्देश: बैठक में मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों को निर्देश दिया कि वे भी अब शेड्यूल बनाकर जिलों में जाएं और संचालित योजनाओं की समीक्षा करें. जरूरत पड़ने पर विभागीय सचिव जिलों में जाकर औचक निरीक्षण भी करें. जन उपयोगी योजनाओं की समीक्षा मुख्य सचिव भी अपने स्तर पर निरंतर करते रहें. पोर्टल में डाटा एंट्री कर देने से लोगों को लाभ नहीं मिल जाता है, बल्कि जमीनी स्तर पर क्या कार्य हो रहे हैं. उस पर नजर रखना आवश्यक है. कई योजनाएं पोर्टल पर कुछ और दिखती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है. रेवेन्यू जनरेट करने की जिम्मेदारी सरकार की है. रेवेन्यू जनरेट से संबंधित सभी कार्यों में तेजी लाएं. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिलों में योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उपायुक्तों की है. मनरेगा, मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना, छात्रवृत्ति वितरण इत्यादि कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के वंचित पात्र लाभुकों को भुगतान का निर्देश: समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 फरवरी 2023 तक मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना अंतर्गत वंचित पात्र लाभुकों को राशि का भुगतान हर हाल में करें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के अंतर्गत अतिरिक्त राशि 250 करोड़ रुपए झारखंड आकस्मिकता निधि से शीघ्र उपलब्ध करायी जाए.
पुलिस पदाधिकारियों के लिए सीएम के निर्देश: मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में अवैध खनन नहीं हो, चाहे वो कोयला का हो या बालू या पत्थर का, ये सभी जिलों के एसपी सुनिश्चित करें. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को आम जनों के प्रति अधिक संवेदनशील रहकर कार्य करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने एसटी/एससी अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत लंबित मामलों और साइबर फ्रॉड से संबंधित मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मी आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर उनके समस्याओं का निष्पादन करें. राज्य के पुलिसकर्मी कुशल व्यवहार के साथ-साथ मृदुभाषी बनकर राज्य में विधि-व्यवस्था का पुख्ता संधारण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या और शिकायत लेकर थाने में पहुंचे लोगों के साथ आत्मीयता से पेश आएं. आपकी वजह से उन्हें कोई परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखें. किसी भी तरह से उनके साथ अनुशासनहीनता का परिचय न दें.
बैठक में उपस्थित लोग: बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, राजस्व तथा भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव केके सोन, वाणिज्य कर विभाग की प्रधान सचिव आराधना पटनायक, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, योजना सचिव अमिताभ कौशल, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी, आईटी सचिव विप्रा भाल, राजस्व तथा भूमि सुधार निदेश उमाशंकर सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.