रांची: कोरोना को लेकर झारखंड सरकार अलर्ट मोड में है. सोमवार शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें सीएम ने कोरोना से निपटने के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली और अवश्यक निर्देश भी दिए. कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने एयरपोर्ट, राज्य से सटे सीमाई क्षेत्र और प्रमुख राजमार्गों पर यात्रियों की सघन जांच शुरू करने का निर्णय लिया है.
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सीएम आवास में उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा राज्य सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे सहित विभिन्न विभागों के सचिव मौजूद थे.
अलर्ट मोड में रहें अधिकारी-सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों के समीक्षा के दौरान कहा कि 'कई देशों में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. आने वाले दिनों में हो सकता है कि कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो, ऐसे में चिकित्सा व्यवस्था संबंधी सभी चीजों को अलर्ट मोड में रखें. स्थिति पर राज्य सरकार की पैनी नजर बनी रहे, यह सुनिश्चित करें. कोविड-19 के नए मामलों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति हमें गंभीरता पूर्वक तैयार रहने की आवश्यकता है. तैयारी इस तरह रखें कि आपातकालीन स्थिति में अफरा-तफरी का माहौल न बने.'
फिलहाल मास्क अनिवार्य नहीं, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं-बन्ना गुप्ता: मुख्यमंत्री आवास पर करीब 1 घंटे तक चली इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी गई. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार के पास वर्तमान समय में सरकारी अस्पतालों में कुल 19,535 बेड हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में बेड की उपलब्धता है. 8 आरटीपीसीआर चालू हालत में हैं और 12 आईसीएमआर के पास निबंधन के लिए गया हुआ है. 122 बीएसए प्लांट बन कर तैयार है और 11 एलएमओ सरकार के पास उपलब्ध है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है. हर विपरीत परिस्थिति का सामना करने के लिए राज्य सरकार के पदाधिकारी तत्पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाया गया है. आगे जैसी परिस्थितियां बनेंगी राज्य सरकार उस तरह से कदम उठाएगी. फिलहाल मास्क को अनिवार्य नहीं किया जा रहा है. सुरक्षा के वास्ते लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ मॉक ड्रिल करेंगे मंत्री: बन्ना गुप्ता ने कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं, जिससे आने वाले समय में पिछले बार की ही तरह हम लोग करोना को हराने में सफल होंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि तैयारी को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारियों के साथ मैं खुद मॉक ड्रिल करूंगा और उसके जरिए तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. इससे यह पता चलेगा की विपरीत परिस्थिति में भी हम कितने तैयार हैं और किस तरह से कोरोना के मरीजों को हम मदद पहुंचा सकते हैं. बैठक में ये दिए गए निर्देश सभी मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के नये वेरिएंट के जिनोम स्किवेंसींग के लिए सभी पॉजिटिव RT-PCR सैम्पल को रिम्स रांची भेजा जाए.
पांच रणनीति पर काम करेगी सरकार: कोरोना को हराने के लिए राज्य सरकार पांच रणनीति पर काम करेगी. टेस्ट, ट्रैकिंग, ट्रीटमेन्ट, टीकाकरण और कोविड समुचित व्यवहार का अक्षरशः अनुपालन का निर्देश दिया गया है. राज्य में 297 True Nat मशीन सभी जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. जांच के लिए पर्याप्त संख्या में जिलों में रैपिड एंटीजन किट और भीटीएम किट्स उपलब्ध हैं. कुल 10,68,877 लाख रैपिड एंटीजन किट और 3,59,933 भीटीएम किट्स उपलब्ध हैं. राज्य में पहले से 8 आरटीपीसीआर लैब चालू हैं, जिसमें रिम्स, एमजीएम, पीएमसीएच, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज दुमका, मेदनीनगर मेडिकल कॉलेज पलामू, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज धनबाद, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, ईटकी, जिला वायरॉलोजी लैब साहेबगंज शामिल है.
राज्य में कोविड-19 मरीज के इलाज के लिए सरकारी संस्थानों में कुल 19,535 बेड उपलब्ध है जिसमें:
- नॉन-ऑक्सीजन बेड : 5276
- ऑक्सीजन सपोर्टेट बेड : 11356
- आईसीयू बेड : 1447
- वेंटिलेटर बेड : 1456
- पेडयाट्रीक आईसीयू (PICU) (सरकारी) : 510
- पेडयाट्रीक HDU (सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में) : 455
- पेडयाट्रीक मामले के लिए ऑक्सीजन बेड : 1180
ECRP-II अन्तर्गत 12 जिलों (गढ़वा, लातेहार, कोडरमा, गिरिडीह, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, चतरा, पाकुड़, जामताड़ा, रामगढ़ और सरायकेला-खरसावां) में RT-PCR लैब की अधिष्ठापित की गयी है, जिसे ICMR प्रमाणीकरण के उपरांत क्रियाशील कर ली जाएगी. राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउण्डेशन के माध्यम से अन्य 7 जिलों (राँची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो, देवघर गुमला एवं गोड्डा) में भी RT-PCR लैब की स्थापना का कार्य पूरा किया गया है. ICMR प्रमाणीकरण के बाद क्रियाशील कर ली जाएगी.