रांची: विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के बकाए वेतन मामले पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा सचिव और कुलपति को सख्त निर्देश देते हुए समन्य कमेटी का गठन करके दो हफ्ते के अंदर कर्मचारियों की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया.
बताते चलें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राशि भुगतान में देरी पर सवाल उठाया तो कुलपति ने बताया कि सरकार की ओर से देरी के चलते समय से पैसा नहीं आता. वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि विश्वविद्यालय की ओर से जब पत्र जारी किया जाता है उस पर सरकार की ओर से विचार कर फिर उन्हें फंड दिया जाता है. इस तरह की कार्रवाई में कुछ विलंब हो जाता है, जिसे शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- अब हाई स्कूल को भी मिलेंगे अनुदान, शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय, देने होंगे आवेदन
कोर्ट ने लगाई फटकार
कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि इसके लिए आप एक समन्वय कमेटी का गठन करें. शिक्षा सचिव ने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. इसके लिए कमेटी की गठन कर लिया जाएगा. अब मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को यह जानकारी दी गई कि, मुख्य सचिव विधानसभा सत्र में व्यस्त हैं. इसलिए उन्हें सुनवाई के दौरान हाजिर होने से छूट दी जाए. अदालत ने सरकार के अधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव को उपस्थिति में गैर हाजिर होने की छूट दी गई.
याचिकाकर्ता महादेव रविदास की अवमानना के बाद सुनवाई के दौरान पहले अदालत ने मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची, झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू, रांची, विश्वविद्यालय रांची, सिद्धो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका और विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के कुलपतियों को ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया था. उसी आलोक में सभी अदालत में उपस्थित हुए थे.