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नगर निगम के अतिक्रमण हटाने की मुहिम पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, बंधु नगर के लोगों को मिली राहत - Jharkhand High Court

राजधानी के हिनू बंधु नगर के मकान मालिकों को रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) ने मकान तोड़ने का नोटिस दिया. इस नोटिस को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में चुनौति दी गई, जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नगर निगम के नोटिस पर रोक लगा दी है.

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रांची नगर निगम के नोटिस पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Aug 9, 2021, 7:02 PM IST

रांचीः राजधानी के हिनू और बंधु नगर के लोगों ने बिना नक्शा पास कराए मकान बना लिए थे. इन मकान मलिकों को रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) ने मकान तोड़ने का नोटिस दिया है. इस नोटिस को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में चुनौति देते हुए याचिका दायर की गई, जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद नगर निगम की ओर से दिए नोटिस पर तत्काल रोक लगा दी है. अदालत ने आदेश दिया है कि जब तक सक्षम अपीलीय प्राधिकार का गठन नहीं हो जाता है, तब तक नगर निगम के आदेश पर रोक लगा रहेगा. इसके साथ ही अदालत में राज्य सरकार को अपील प्राधिकरण गठन करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ेंःहाई कोर्ट ने पूछा, रांची के हिनू में नदी पर कैसे बना होटल? जवाब दें RMC

झारखंड हाइ कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हिनू बंधु नगर स्थित आवास को तोड़ने के लिए आरएमसी ने नोटिस जारी किया है. जबकि, इस मुहल्ले में लोग वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं. अचानक नगर निगम की ओर से तोड़ने का नोटिस भेज दिया, जो गलत है. वहीं, रांची नगर निगम की ओर से बताया कि बिना नक्शा के मकान बना लिए गए हैं. इसलिए मकान बिल्डिंग बायलॉल के उल्लंघन के आरोप में तोड़ना ठीक है.

जानकारी देते अधिवक्ता

अपीलीय प्राधिकार बनाने का निर्देश

अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद तत्काल नगर निगम के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक अपीलीय प्राधिकरण नहीं बन जाता है. तब तक के लिए आरएमसी के आदेश पर रोक लगी रहेगी. अदालत ने राज्य सरकार को शीघ्र अपीलीय प्राधिकरण बनाने का निर्देश दिया है.

वर्षों से बना है मकान

बता दें कि हिनू नगर के कई याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि कई वर्षों से अपना मकान बनाकर रह रहे हैं, लेकिन रांची नगर निगम ने मकान तोड़ने का नोटिस दिया है.

रांचीः राजधानी के हिनू और बंधु नगर के लोगों ने बिना नक्शा पास कराए मकान बना लिए थे. इन मकान मलिकों को रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) ने मकान तोड़ने का नोटिस दिया है. इस नोटिस को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में चुनौति देते हुए याचिका दायर की गई, जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद नगर निगम की ओर से दिए नोटिस पर तत्काल रोक लगा दी है. अदालत ने आदेश दिया है कि जब तक सक्षम अपीलीय प्राधिकार का गठन नहीं हो जाता है, तब तक नगर निगम के आदेश पर रोक लगा रहेगा. इसके साथ ही अदालत में राज्य सरकार को अपील प्राधिकरण गठन करने का निर्देश दिया है.

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झारखंड हाइ कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हिनू बंधु नगर स्थित आवास को तोड़ने के लिए आरएमसी ने नोटिस जारी किया है. जबकि, इस मुहल्ले में लोग वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं. अचानक नगर निगम की ओर से तोड़ने का नोटिस भेज दिया, जो गलत है. वहीं, रांची नगर निगम की ओर से बताया कि बिना नक्शा के मकान बना लिए गए हैं. इसलिए मकान बिल्डिंग बायलॉल के उल्लंघन के आरोप में तोड़ना ठीक है.

जानकारी देते अधिवक्ता

अपीलीय प्राधिकार बनाने का निर्देश

अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद तत्काल नगर निगम के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक अपीलीय प्राधिकरण नहीं बन जाता है. तब तक के लिए आरएमसी के आदेश पर रोक लगी रहेगी. अदालत ने राज्य सरकार को शीघ्र अपीलीय प्राधिकरण बनाने का निर्देश दिया है.

वर्षों से बना है मकान

बता दें कि हिनू नगर के कई याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि कई वर्षों से अपना मकान बनाकर रह रहे हैं, लेकिन रांची नगर निगम ने मकान तोड़ने का नोटिस दिया है.

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