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सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत, लीज आवंटन मामले से जुड़ा PIL खारिज, चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से पहले आया फैसला - Jharkhand news

High Court rejects PIL in mining lease case. सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. खनन पट्टा मामले में दाखिल की गई जनहित याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 27, 2023, 1:04 PM IST

रांची: सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. खनन लीज पट्टा से जुड़े जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. यह जानकारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.

नवंबर माह में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन मामले में दायर सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा था. अधिवक्ता पीयूष ने कोर्ट को बताया था कि पूर्व में भी इसी तरह की याचिका शिव शंकर शर्मा नामक शख्स ने दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है. लिहाजा, सुनील कुमार महतो की याचिका में कुछ भी नया नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो के अधिवक्ता विशाल कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि हाईकोर्ट 2 जनवरी तक बंद है. इस मामले में चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने बताया कि चीफ जस्टिस माह रिटायर होने वाले हैं. संभव है कि इससे पहले उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए नोटिफाई किया हो. उन्होंने कहा कि कोर्ट खुलने के बाद ही पता चल पाएगा कि खंडपीठ के फैसले में क्या है.

वहीं, याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार और विशाल कुमार ने दलील पेश की थी. उन्होंने कहा था कि शिव शंकर शर्मा की याचिका में सीएम के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन का जिक्र था. उस याचिका के क्रेडेंशियल पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस याचिका में सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियम के खिलाफ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला है.

इसी तरह का फेवर सीएम की साली सरला मुर्मू को भी पहुंचाया गया था. प्रार्थी की ओर से बताया गया था कि इस मामले की शिकायत संबंधित प्राधिकार में भी की गई थी लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट को बताया गया था कि सीएम हेमंत सोरेन के पास ही खान विभाग है. इसलिए बिना उनकी सहमति के परिवार के सदस्यों को इस तरह से फेवर किया जाना संभव नहीं है. आज कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुना दिया है.

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रांची: सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. खनन लीज पट्टा से जुड़े जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. यह जानकारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.

नवंबर माह में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन मामले में दायर सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा था. अधिवक्ता पीयूष ने कोर्ट को बताया था कि पूर्व में भी इसी तरह की याचिका शिव शंकर शर्मा नामक शख्स ने दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है. लिहाजा, सुनील कुमार महतो की याचिका में कुछ भी नया नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो के अधिवक्ता विशाल कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि हाईकोर्ट 2 जनवरी तक बंद है. इस मामले में चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने बताया कि चीफ जस्टिस माह रिटायर होने वाले हैं. संभव है कि इससे पहले उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए नोटिफाई किया हो. उन्होंने कहा कि कोर्ट खुलने के बाद ही पता चल पाएगा कि खंडपीठ के फैसले में क्या है.

वहीं, याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार और विशाल कुमार ने दलील पेश की थी. उन्होंने कहा था कि शिव शंकर शर्मा की याचिका में सीएम के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन का जिक्र था. उस याचिका के क्रेडेंशियल पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस याचिका में सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियम के खिलाफ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला है.

इसी तरह का फेवर सीएम की साली सरला मुर्मू को भी पहुंचाया गया था. प्रार्थी की ओर से बताया गया था कि इस मामले की शिकायत संबंधित प्राधिकार में भी की गई थी लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट को बताया गया था कि सीएम हेमंत सोरेन के पास ही खान विभाग है. इसलिए बिना उनकी सहमति के परिवार के सदस्यों को इस तरह से फेवर किया जाना संभव नहीं है. आज कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुना दिया है.

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