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झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों में 8 सप्ताह में होगी शिक्षकों की नियुक्ति, हाई कोर्ट का आदेश

झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने 8 सप्ताह के भीतर सरकार को चयनित शिक्षकों के नियुक्ति का आदेश दिया है.

Jharkhand High Court
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Published : Apr 11, 2022, 5:40 PM IST

रांची: झारखंड की 11 गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में विभिन्न विषयों के शिक्षक नियुक्ति के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को 8 सप्ताह में वैसे अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश दिया है, जिनका चयन कर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission JSSC) ने सरकार को नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेज दिया है. इसके अलाव ऐसे विषय जिसका रिजल्ट नहीं निकाला गया है, उस विषय का रिजल्ट निकालकर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करने का भी निर्देश दिया गया है. नियुक्ति की आस में बैठे अभ्यर्थियों के लिए यह बहुत ही राहत देने वाली है.

इसे भी पढ़ें: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला पर झारखंड हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, सीबीआई को दिए जांच के आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अभ्यर्थी सालों से नियुक्ति की आस में बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार नियुक्ति नहीं कर रही है. जबकि झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि गैर अनुसूचित जिले के नियुक्ति पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कोरोना का हवाला दे रही है, जो गलत है. अन्य सभी कार्य हो रहे हैं. सिर्फ नियुक्ति के लिए कोविड-19 का हवाला देना उचित नहीं है. अदालत ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद राज्य सरकार को 8 सप्ताह में 11 जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है.

अदालत ने कहा कि जिनकी अनुशंसा की गई है, उनकी नियुक्ति जल्द की जाए. अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जिनका रिजल्ट अभी तक जारी नहीं हुआ है, उनका परिणाम जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए. दरअसल, साल 2016 में झारखंड सरकार ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में 13 जिले को अनुसूचित और ग्यारह जिले को गैर अनुसूचित घोषित कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. अनुसूचित घोषित किए गए जिले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने उन 13 जिलों की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया था, लेकिन 11 जिलों के नियुक्ति पर कोई सवाल नहीं किए गए थे. लेकिन सरकार ने 11 गैर अनुसूचित जिलों की नियुक्ति भी रोक दी. इसी मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई हुई.

रांची: झारखंड की 11 गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में विभिन्न विषयों के शिक्षक नियुक्ति के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को 8 सप्ताह में वैसे अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश दिया है, जिनका चयन कर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission JSSC) ने सरकार को नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेज दिया है. इसके अलाव ऐसे विषय जिसका रिजल्ट नहीं निकाला गया है, उस विषय का रिजल्ट निकालकर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करने का भी निर्देश दिया गया है. नियुक्ति की आस में बैठे अभ्यर्थियों के लिए यह बहुत ही राहत देने वाली है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अभ्यर्थी सालों से नियुक्ति की आस में बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार नियुक्ति नहीं कर रही है. जबकि झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि गैर अनुसूचित जिले के नियुक्ति पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कोरोना का हवाला दे रही है, जो गलत है. अन्य सभी कार्य हो रहे हैं. सिर्फ नियुक्ति के लिए कोविड-19 का हवाला देना उचित नहीं है. अदालत ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद राज्य सरकार को 8 सप्ताह में 11 जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है.

अदालत ने कहा कि जिनकी अनुशंसा की गई है, उनकी नियुक्ति जल्द की जाए. अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जिनका रिजल्ट अभी तक जारी नहीं हुआ है, उनका परिणाम जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए. दरअसल, साल 2016 में झारखंड सरकार ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में 13 जिले को अनुसूचित और ग्यारह जिले को गैर अनुसूचित घोषित कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. अनुसूचित घोषित किए गए जिले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने उन 13 जिलों की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया था, लेकिन 11 जिलों के नियुक्ति पर कोई सवाल नहीं किए गए थे. लेकिन सरकार ने 11 गैर अनुसूचित जिलों की नियुक्ति भी रोक दी. इसी मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई हुई.

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