ETV Bharat / state

रांची सदर अस्पताल मामले पर हाई कोर्ट ने अधिकारी को लगाई फटकार, पूछा- बताइए क्या-क्या व्यवस्था किए हैं - रांची सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

रांची सदर अस्पताल को 510 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) बनाने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में कार्य की धीमी रफ्तार से नाराजगी जताई. अधिकारी को फटकार भी लगाई है.

high court instructed state government to give answer in sadar hospital matter
रांची: सदर अस्पताल मामले पर हाईकोर्ट ने अधिकारी को लगाई फटकार, राज्य सरकार को जवाब पेश करने का मिला अल्टीमेटम
author img

By

Published : Jul 8, 2021, 6:39 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 7:29 PM IST

रांची: सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) बनाने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में कार्य की धीमी रफ्तार पर काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूछा कि बार-बार अदालत की ओर से समय दिया जा रहा है, लेकिन काम पूरा क्यों नहीं किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- Black Fungus: मरीज के इलाज में कोताही पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- अधिकारी ने कैसे कहा फंड नहीं

उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंपनी को एक हफ्ते में बिंदु शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही सरकार को भी अपना जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार और कंपनी को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि अभी तक कितने बेड लगाए गए हैं, उस बेड पर क्या-क्या सुविधाएं दी गई है. ऑक्सीजन की सुविधा, खून चढ़ाने की सुविधा और अन्य तकनीकी जो सुविधाएं दी जाती हैं. वो उपलब्ध अभी तक क्यों नहीं करवाया गया है? झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में रांची सदर अस्पताल को 510 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में प्रारंभ करने के बिंदु पर सुनवाई हुई.

देखें पूरी खबर

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई

न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि 81% निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है. जबकि कंपनी की ओर से बताया गया कि 84% कार्य पूरा कर लिया गया है. रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) में लगाए गए बेड की तस्वीर दिखाई गई. अदालत ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो कोरोना काल में लगाया गया बेड है. इसके बारे में क्या जानकारी देते हैं. बेड के साथ और क्या सब काम हुआ है. ऑक्सीजन प्रत्येक बेड के पास पहुंचाया गया है, खून चढ़ाने की व्यवस्था की गई है, बाकी जो भी जरूरी व्यवस्थाएं हैं, उसकी क्या स्थिति है? इस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब पेश नहीं किया गया.

इसे भी पढ़ें- रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत को विश्वास में नहीं लेने पर जताई नाराजगी

राज्य सरकार को जवाब पेश करने का निर्देश

अदालत ने राज्य सरकार और निर्माण कर रही कंपनी को एक सप्ताह में विस्तृत बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी. हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी समय से हॉस्पिटल को ऑपरेशनल नहीं बनाया गया. उसके बाद प्रार्थी ने अदालत में अबमाननाबाद याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने फिर से कंपनी और सरकार से मामले में जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) बनाने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में कार्य की धीमी रफ्तार पर काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूछा कि बार-बार अदालत की ओर से समय दिया जा रहा है, लेकिन काम पूरा क्यों नहीं किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- Black Fungus: मरीज के इलाज में कोताही पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- अधिकारी ने कैसे कहा फंड नहीं

उन्होंने निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंपनी को एक हफ्ते में बिंदु शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही सरकार को भी अपना जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार और कंपनी को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि अभी तक कितने बेड लगाए गए हैं, उस बेड पर क्या-क्या सुविधाएं दी गई है. ऑक्सीजन की सुविधा, खून चढ़ाने की सुविधा और अन्य तकनीकी जो सुविधाएं दी जाती हैं. वो उपलब्ध अभी तक क्यों नहीं करवाया गया है? झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में रांची सदर अस्पताल को 510 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में प्रारंभ करने के बिंदु पर सुनवाई हुई.

देखें पूरी खबर

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई

न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि 81% निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है. जबकि कंपनी की ओर से बताया गया कि 84% कार्य पूरा कर लिया गया है. रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) में लगाए गए बेड की तस्वीर दिखाई गई. अदालत ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो कोरोना काल में लगाया गया बेड है. इसके बारे में क्या जानकारी देते हैं. बेड के साथ और क्या सब काम हुआ है. ऑक्सीजन प्रत्येक बेड के पास पहुंचाया गया है, खून चढ़ाने की व्यवस्था की गई है, बाकी जो भी जरूरी व्यवस्थाएं हैं, उसकी क्या स्थिति है? इस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब पेश नहीं किया गया.

इसे भी पढ़ें- रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत को विश्वास में नहीं लेने पर जताई नाराजगी

राज्य सरकार को जवाब पेश करने का निर्देश

अदालत ने राज्य सरकार और निर्माण कर रही कंपनी को एक सप्ताह में विस्तृत बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी. हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी समय से हॉस्पिटल को ऑपरेशनल नहीं बनाया गया. उसके बाद प्रार्थी ने अदालत में अबमाननाबाद याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने फिर से कंपनी और सरकार से मामले में जवाब पेश करने को कहा है.

Last Updated : Jul 8, 2021, 7:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.