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मुख्य सूचना आयुक्त के पेंशन एवं भत्ता मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब

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Published : Sep 19, 2022, 8:16 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य सूचना आयुक्त रहे रिटायर जज हरिशंकर प्रसाद को अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने के मामले की सोमवार को सुनवाई हुई (High Court Hearing on Harishankar Prasad). जवाब दाखिल करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट से समय मांगा.

high court Hearing on Harishankar Prasad matter
high court Hearing on Harishankar Prasad matter

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त रहे रिटायर जज हरिशंकर प्रसाद को अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने (High Court Hearing on Harishankar Prasad) के मामले की सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा.

यह भी पढ़ें: रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की समीक्षा बैठक, जानिए विभागवार सीएम ने क्या दिए निर्देश

मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को: अदालत ने उन्हें 2 सप्ताह का समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. इस मामले में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को प्रतिवादी बनाए जाने के बाद अदालत ने जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. रिटायर्ड जज हरिशंकर प्रसाद ने रिट याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कानून के तहत राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त पेंशन मिलता है जो केंद्र सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर होता है. इस अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता देय होता है जो प्रार्थी हरिशंकर प्रसाद को नहीं दिया जा रहा है. इसे लेकर वह तीन बार रिट याचिका दाखिल कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ.

जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि 3 साल से यह केस चल रहा है, लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं निकल सका है. एक रिटायर्ड जज को इस काम के लिए दौड़ाना अनुचित है. ब्यूरोक्रेसी का रवैया ठीक नहीं है. मामले की उपेक्षा कर सरकार के अधिकारियों ने निंदनीय कार्य किया है. कार्मिक सचिव को इस विषय को खुद देखना चाहिए था.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त रहे रिटायर जज हरिशंकर प्रसाद को अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने (High Court Hearing on Harishankar Prasad) के मामले की सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा.

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मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को: अदालत ने उन्हें 2 सप्ताह का समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. इस मामले में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को प्रतिवादी बनाए जाने के बाद अदालत ने जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. रिटायर्ड जज हरिशंकर प्रसाद ने रिट याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कानून के तहत राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त पेंशन मिलता है जो केंद्र सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर होता है. इस अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता देय होता है जो प्रार्थी हरिशंकर प्रसाद को नहीं दिया जा रहा है. इसे लेकर वह तीन बार रिट याचिका दाखिल कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ.

जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि 3 साल से यह केस चल रहा है, लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं निकल सका है. एक रिटायर्ड जज को इस काम के लिए दौड़ाना अनुचित है. ब्यूरोक्रेसी का रवैया ठीक नहीं है. मामले की उपेक्षा कर सरकार के अधिकारियों ने निंदनीय कार्य किया है. कार्मिक सचिव को इस विषय को खुद देखना चाहिए था.

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