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RIMS की लचर व्यवस्था पर हाईकोर्ट गंभीर, मौखिक टिप्पणी में कहा- वकील नहीं रिम्स के डायरेक्टर और व्यवस्था बदलें - झारखंड समाचार

रेफरल अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान रिम्स के अदालत के निर्देशों का पालन करने में असफल रहने पर अदालत ने कड़ी टिप्पणी की. झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा कि रिम्स के डायरेक्टर को बदल दें.

High court comment on RIMS said in oral remark change director of RIMS not lawyer
रिम्स की लचर व्यवस्था पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
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Published : Feb 11, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 4:18 PM IST

रांची: झारखंड के एकमात्र रेफरल अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान रिम्स में रिक्त पदों पर नियुक्ति में हो रही देरी और जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण मंगाने में देरी पर भी हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता के बदलने पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिवक्ता बदलने से कुछ नहीं होगा. रिम्स के डायरेक्टर को बदलें. रिम्स की व्यवस्था को बदलें. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट, कोबरा बटालियन के दो जवान घायल


झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रिम्स की लचर व्यवस्था मामले पर सुनवाई हुई. इससे पहले हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में रिम्स के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई थी और अदालत ने फिर से जवाब पेश करने को कहा था. लेकिन रिम्स अदालत के निर्देश का पालन नहीं कर सका.

अधिवक्ता धीरज कुमार

इधर इस मामले में पूर्व से बहस कर रहे अधिवक्ता के बदले दूसरे अधिवक्ता सुनवाई के दौरान अदालत पहुंचे और जवाब के लिए समय की मांग की. इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वकील बदलने से अच्छा है कि रिम्स के डायरेक्टर को बदलें. रिम्स की व्यवस्था को बदलें. अधिवक्ता बदलने से क्या होगा. अधिवक्ता ने अदालत से मामले में जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए 18 फरवरी से पूर्व जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.


बता दें कि रिम्स की लचर व्यवस्था की समाचार स्थानीय मीडिया आने पर हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था. उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई का आदेश दिया था. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने कड़ा रूख अपना लिया है.

रांची: झारखंड के एकमात्र रेफरल अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान रिम्स में रिक्त पदों पर नियुक्ति में हो रही देरी और जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण मंगाने में देरी पर भी हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता के बदलने पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिवक्ता बदलने से कुछ नहीं होगा. रिम्स के डायरेक्टर को बदलें. रिम्स की व्यवस्था को बदलें. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रिम्स की लचर व्यवस्था मामले पर सुनवाई हुई. इससे पहले हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में रिम्स के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई थी और अदालत ने फिर से जवाब पेश करने को कहा था. लेकिन रिम्स अदालत के निर्देश का पालन नहीं कर सका.

अधिवक्ता धीरज कुमार

इधर इस मामले में पूर्व से बहस कर रहे अधिवक्ता के बदले दूसरे अधिवक्ता सुनवाई के दौरान अदालत पहुंचे और जवाब के लिए समय की मांग की. इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वकील बदलने से अच्छा है कि रिम्स के डायरेक्टर को बदलें. रिम्स की व्यवस्था को बदलें. अधिवक्ता बदलने से क्या होगा. अधिवक्ता ने अदालत से मामले में जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए 18 फरवरी से पूर्व जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.


बता दें कि रिम्स की लचर व्यवस्था की समाचार स्थानीय मीडिया आने पर हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था. उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई का आदेश दिया था. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने कड़ा रूख अपना लिया है.

Last Updated : Feb 11, 2022, 4:18 PM IST
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