रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने बोकारो के एक दंपती के मामले की सुनवाई के दौरान कैबिनेट मंत्री के खिलाफ गंभीर टिप्पणी की है. कोर्ट ने दंपती के आरोप को स्वीकार करते हुए राज्य के कैबिनेट मंत्री के ओर से वादी के सुखी दांपत्य जीवन में अवैध हस्तक्षेप को नाजायज माना है और इससे मुख्यमंत्री को अवगत कराने का आदेश देते हुए नवविवाहित जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया.
मामला एक युवक और युवती के प्रेम विवाह से जुड़ा हुआ है. विवाहित जोड़े के मुताबिक शादी के नाखुश परिवार वालों के साथ राज्य सरकार की एक मंत्री के ओर से भी उन्हें लगातार धमकी दी जाती रही है. परिवारजनों के साथ मंत्री भी उनके सुखी वैवाहिक जीवन में दखलअंदाजी करते हुए शादी तोड़ने के लिए दबाव बनाते हैं. यह मामला तब खुला जब नए दंपती ने मंत्री की शिकायत करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
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कोर्ट के आदेश की जानकारी सीएम सचिवालय को दी गई
बोकारो के रहने वाले ने दंपती ने हाईकोर्ट में आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई, दंपती ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के सामने उपस्थित होकर बताया कि, मंत्री उनके मामले में हस्तक्षेप करते हैं, रजिस्टार जनरल ने उनके बयान और आवेदन को कोर्ट के सामने रखा. अदालत ने इस मामले में अपना आदेश देते हुए कहा कि, चुकी इस मामले में मंत्री प्रतिवादी नहीं है, इसलिए उनके संबंध में अदालत किसी तरह का आदेश पारित नहीं करेगा, लेकिन अदालत ने अपने आदेश से मुख्यमंत्री सचिवालय को अवगत कराने का आदेश दिया है, कोर्ट के आदेश की जानकारी सीएम सचिवालय को दे दी गई है.