रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विभाग से आग्रह किया है कि देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति में यात्रा करना मुनासिब नहीं है, इसलिए झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों के छात्रों को हो रही परेशानी को समझते हुए छात्रावासों को बंद न करने की हिदायत दी जाए.
![Hemant Soren urges Union Minister of Human Resource Department not to close hostels](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6504249_51_6504249_1584874035654.png)
साथ ही मुख्यमंत्री ने झारखंडवासियों से अपील करते हुए कहा है कि अपने-अपने घरों में रहना कोरोना वायरस को रोकने का सबसे अचूक हथियार है. राज्य की जनता अपने आसपास रह रहे गरीबों की यथा संभव मदद करें, याद रखें साथियों कि आपके सहयोग से ही हम इस महामारी को फैलने से रोक सकते हैं.
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घोर लापरवाही बर्दाश्त के काबिल नहीं है
वहीं, मुख्यमंत्री ने खूंटी निवासी दुष्कर्म की शिकार बच्ची को कस्तूरबा गांधी विद्यालय से निकाले जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने उपायुक्त खूंटी से कहा कि यह घोर लापरवाही का मामला है, जो बर्दाश्त के काबिल नहीं है. कृपया बच्ची को उचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सूचित करें.
दरअसल, मुख्यमंत्री को बताया गया कि दुष्कर्म पीड़िता का नामांकन कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छठी कक्षा में कराया गया था. इस बीच बच्ची के गर्भवती होने की सूचना स्कूल प्रबंधन को मिली. मामले की जानकारी के बाद बच्ची को स्कूल से हटाने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री से कहा गया कि इस मासूम बच्ची पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, बच्ची के साथ न्याय किया जाए.