रांची: झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच 3 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 18 नवंबर को फिर अपने कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए. अपने सरकारी आवास के बाहर मंच लगाकर उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा के साथ-साथ एजेंसियों पर भी निशाना साधा (Hemant Soren targets ED). उन्होंने कहा कि कल हम जांच एजेंसी ईडी के यहां गये थे. लगभग सात-आठ घंटे तक उनलोगों का सवाल जवाब होता रहा. हमने उनसे कहा कि जो आरोप आपने लगाया है, क्या ये आरोप दो साल में पूरा हो सकता है. उनका कहना है कि दो साल का आरोप हमने नहीं लगाया है. तब हमने कहा कि जब दो साल का आरोप नहीं है तो दस साल का भी तो नहीं बोलते हो भाई.
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सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने उनको कहा कि आप दूध का दूध और पानी का पानी करो. अगर आप ईमानदारी से काम करोगे तो सरकार का पूर्ण समर्थन एजेंसियों को मिलेगा. लेकिन एकपक्षीय कार्रवाई करोगे तो उसका भी विरोध करने की हमलोग ताकत रखते हैं. हमे जांच एजेंसियों से कोई परहेज नहीं है. कोई गुरेज नहीं हैं. लेकिन जिस तरीके से उदाहरण दिख रहा है, जैसे संदेश बाहर आ रहे हैं. वो सही नहीं है. देश में सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों में कार्रवाई चल रही है. इन सवालों का जवाब एजेंसियों को देना चाहिए. क्यों आज चाहे वो तेलंगाना हो, चाहे वो केरल, बंगाल हो, बिहार हो या छत्तीसगढ़ हो...इन्हीं राज्यों में कार्रवाई क्यों हो रही है. क्या भाजपा वाले राज्य दूध के धुले हुए हैं.
कार्यकर्ताओं से एकजुटता की अपील: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण की शुरूआत एकजुटता पर फोकस करते हुए की. उन्होंने कहा कि एकजुटता दिखाने के लिए और राजधानी में उपस्थिल होने के लिए शुक्रिया और जोहार. आज के इस जनसैलाब से ये स्पष्ट हो गया है कि इस राज्य में हमारी विपक्षी भारतीय जनता पार्टी, इस राज्य में षडयंत्र रच रही है. उसका नतीजा है कि राज्य के कोनो कोने में षडयंत्रकारियों के विरूद्ध कार्यकर्ता सड़को पर उतर रहे हैं. अब राज्य को यहां आदिवासी और मूलवासी सजाएगा भी, संवारेगा भी. ये राजनीतिक लड़ाई है. हमारे पास इस लड़ाई को जीतने का मात्र एक ही साधन है और वह है यहां के मूलवासी और आदिवासी का आशीर्वाद और सहयोग. आज कहीं न कहीं पूरे देश में ये चर्चा है कि झारखंड में बहुमत की सरकार को डिगाने की कोशिश सरकार बनने के तीसरे दिन से ही की जा रही है.
कौन है आदिवासी-मूलवासी दलाल ?: मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि तथाकथित कुछ हमारे कुछ मूलवासी आदिवासी दलाल किस्म के लोग हमारे विपक्षियों के साथ मिलकल हमारे राज्य के मूलवासी और आदिवासी को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं बता दूं कि अब झारखंड के लोग आपके षडयंत्र को पहचान चुके हैं. यही वजह है कि 2019 में ये डबल इंजन की सरकार का एक इंजन छत्तीसगढ़ फेंक दिया गया. अब थोड़ा बहुत बचा हुआ है. 20 साल तक ये लोग जोंक की तरह जहां-तहां कोना कोना में चिपका हुआ था. अब दूसरा राजनीतिक लड़ाई होगा तो बचा खुचा जो षडयंत्रकारी है, इनको उठाकर बाहर फेंक देंगे. आज सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है. गांव और टोला में जाकर लोगों की समस्या का समाधान हो रहा है तो इनके पेट में दर्द में हो रहा है. आज जिस तरीके से इन षडयंत्रकारियों को कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो ये लोग अपने पापों का ठीकरा वर्तमान सरकार के माथे पर फोड़ने का काम कर रहा है
दबे-कुचले लोग सिखाएंगे सबक- सीएम: अगर आपको संवैधनिक पद पर बिठाया गया है तो संवैधिनक पद का निर्वहन करें हमे कोई गुरेज नहीं है. झारखंड वीरों का राज्य है. यहां अपने हक अधिकार के लिए हमने कभी समझौता नहीं किया. भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी ने कभी अग्रेंजो का गुलामी नहीं खटा. आज आप यहां के आदिवासी, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक को दबाना चाहते हैं, ऐसा हरगिज नहीं हो सकता है. इनको लगता है कि नेता देश छोड़कर भागने वाला है. कोई इतिहास नहीं है कि कोई नेता देश छोड़कर भागा हो. लेकिन व्यापारी लोग देश का करोड़ा रूपया लेकर भाग चुका है. इसलिए साथी, बिल्कुल धैर्यपूर्क इनके षडयंत्र को नाकाम करना होगा. हमारे विपक्ष के लोग पंचायत में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों ने बुजुर्गों, विधवा, दिव्यागों को 20 साल प्रखंडों में दौड़ाया, उनको पेंशन नहीं दिया. आने वाले समय में ये गरीब, कुचले लोग इनको जवाब देंगे.
नेता को पकड़कर दिग्भ्रमित करने की है साजिश- सीएम: आज हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बद से बदत्तर स्थिति बना दी. जब इन लोगों ने देखा कि गरीब बच्चों को पैरों पर खड़ा किया जा रहा है तो इनकी राजनीतिक कुर्सी हिलती हुई दिख रही है. अब ये हाशिए पर जा चुके हैं. इनको लगता है कि नेता को पकड़ कर ले जाएंगे तो हमारा कार्यकर्ता दिग्भ्रमित हो जाएगा, निराश हो जाएगा. ऐसा नहीं है. जब जब झामुमो पर विपत्ति आई है तब तब झामुमो और मजबूत होकर खड़ा हुआ है. संघर्ष करना हम गरीबों के लिए सदियों का इतिहास है. गुरूजी को भी इनलोगों ने सालों साल जेल में डालने का काम किया. अंत में हुआ क्या . शिबू सोरेन पर कोई दाग साबित नहीं हुआ. उन्होंने अलग राज्य बनाने का काम किया.
अब इन लोगों को बनाना है बोका- सीएम: यहां के मूलवासी-आदिवासी होने के नाते आपको भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा. नहीं तो कोई गुजरात से, कोई छत्तीगढ़ से , कोई मध्य प्रदेश से, कोई महाराष्ट्र से आकर राज करेगा. आज के दिन भाजपा के लोग दूसरे राज्य से लाते हैं और यहां से सांसद बनाकर भेजते हैं. आने वाले समय में विधानसभास, लोकसभा में सभी जगहों पर आदिवासी-मूलवासी को भेजा जाएगा. हमलोग क्रांतिकारियों के वंशज हैं. उनके शहादत को बर्बाद नहीं होने देंगे. हमलोग बोका बनते रहे हैं. अब इन लोगों को बोका बनाने का समय आ गया है. यही एकता इस राज्य को बचा सकता है. यही एकजुटता हमारा विकास कर सकता है. आम लोगों को 20 वर्षों में कैसे कुचला हम सभी ने देखा. सरकारी कर्मचारियों को भी प्रताडि़त किया. आज वही लोग गांव में शिविर लगाकर लोगों का अधिकार पूरा कर रहे हैं. इन लोगों ने सोचा कि यहां का आदिवासी-मूलवासी बोका होता है. इनको डराओ, धमकाओं, पुलिस का बल दिखाओ, एजेंसी से डर दिखाओ, कोर्ट-कचहरी करा दो. सब चुप हो जाएगा. लेकिन इनको पता नहीं है कि इन सबसे ऊपर जब हमारे पूर्वज अंग्रेजों से नहीं डरे तो तुमसे क्या डरने वाले हैं. ये लोग जलियावाला बाग का उदाहरण देता है. हमारे राज्य के हर कोना में जलियांवाला बाग जैसा घटना घटना रहा है. हमलोगों ने अपना संघर्ष जारी रखा.
प्राइवेट में नौकरी का मतलब आरक्षण खत्म- सीएम: आपके आशीर्वाद से हमे ताकत मिलता है. यहां के मूलवासियों और आदिवासियों के एक छत के नीचे आना पड़ेगा. तभी अधिकार मिलेगा. भाजपा के षडयंत्र को समझने की कोशिश कीजिए. आज देश में महंगाई आसमान छू रहा है. आज कोरोना में कंपनियां बंद हो गई. खुशी की बात है कि इस राज्य में 80 प्रतिशत लोग खेती बाड़ी जीवन यापन करते हैं. इन व्यापारियों का भरोसा नहीं. कब कंपनी बंद कर देगा. कब बाहर देगा. कोई भरोसा नहीं. सरकारी नौकरियां खत्म हो रही हैं. बैंकों का मर्जर हो रहा है. कई ऐसी संस्थाएं हैं जहां प्राइवेट में नौकरियां दी जा रही है. प्राइवेट में नौकरी का मतलब आरक्षण खत्म. न दलित को आरक्षण, न आदिवासी को आरक्षण और न पिछड़ों को आरक्षण. मरते रहिए. इस राज्य को इन लोगों ने षडयंत्र के तहत देश का सबसे पिछड़ा राज्य बना दिया. खनिज संपदाओं का लाभ दूसरे राज्यों को मिलता है. हमारी कार्ययोजना है कि अगले दस साल के अंदर हमारा राज्य गुजरात को टक्कर देने की स्थिति में आ जाएगा. हमारी इम्तिहान की घड़ी है. अभी तो झांकी दिखाई है पूरा फिल्म बाद में दिखाएंगे. एक आवाज में भेड़ की तरह, चिट्टियों की तरह घर-घर से निकलना होगा और षडयंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा.