रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में स्पष्ट किया है कि झारखंड में जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी. प्रदीप यादव ने गैर सरकारी संकल्प के जरिए सरकार से पूछा था कि क्या सरकार जाति आधारित जनगणना कराना चाहती है. क्या पिछड़ों को आबादी के अनुरूप सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए आरक्षण का लाभ मिलेगा.
जवाब में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार जाति आधारित जनगणना कराने की पक्षधर है. इस दिशा में काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण बढ़ाने से जुड़ा संशोधन विधेयक पारित कराकर राज्यपाल से पास भेजा गया है. अभी तक राज्यपाल ने उसपर कोई फैसला नहीं लिया है. उनके फैसले का इंतजार करना चाहिए.
प्रदीप यादव ने सुझाव दिया कि सर्वसम्मति से पारित बिल राजभवन भेजा गया है. अब उसका क्या उपाय है. क्या सरकार के किसी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर बताया है कि उसे जनता को जवाब देना है. क्या कोई प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर इस बिल पर फैसला लेने का आग्रह करेगा. क्योंकि बिल को पास हुए 1 साल 1 महीना और 11 दिन हो गये. यह बिल लंबित पड़ा है.
जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस सुझाव पर अमल होगा. उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर बिल पर सहमति देने के लिए आग्रह करेगा. सीएम ने कहा कि हमे उम्मीद है कि राज्यपाल इसपर अपनी सहमति देंगे. हमलोग प्रयास करेंगे कि महामहिम के पास जाकर उनसे आग्रह करेंगे कि बिल को पास करें. जो बातें आएंगी, उस आधार पर आगे स्टेप लिया जाएगा.
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