रांची: राज्य में मानव तस्करी रोकने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनजीओ तथा सामाजिक संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग राज्य के लिए बड़ी समस्या है. इस कार्य में अनेक आपराधिक तत्व शामिल रहते हैं. ऐसे तत्वों की धर-पकड़ के साथ-साथ समाज के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं उनके हित के लिए भी कार्य योजना बनाई जाए इसमें ऐसा मेकैनिज्म हो जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले और उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके. पंचायत एवं सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी मानव तस्करी से संबंधित सूचना तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
कंबाइंड बिल्डिंग बनाकर रखी जायेगी 24×7 दिन नजर: झारखंड मंत्रालय में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के द्वारा ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के निर्देश दिए गए. सीएम ने राज्य के सभी जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनाकर उसमें एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना को 24×7 दिन कार्यरत करने के लिए निर्देश दिया. इन कंबाइंड बिल्डिंग के लिए डीपीआर तैयार कर इस दिशा में कदम उठाने को कहा गया. इस मौके पर सीएम ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी में शामिल लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो. इसमें शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो इसका ध्यान रखना होगा. बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ भी कड़ी कर्रवाई की जाए जिससे इसकी रोकथाम हो सके. पंचायत स्तर में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिकों की डाटा रजिस्टर्ड हो सके इसकी भी व्यवस्था की जाए.