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हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को हाई कोर्ट ने किया है रद्द, सीएम ने कहा- सरकार सुप्रीम कोर्ट में देगी चुनौती

झारखंड हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को अवैध करार देते हुए हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले को रद्द करने का निर्देश दिया है. इस मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.

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सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Sep 23, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 9:18 AM IST

रांची: सोमवार को हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को अवैध करार दिया था और हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले को रद्द करने का निर्देश दिया था. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा है कि सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

जानकारी देते सीएम


पूर्वर्ती रघुवर सरकार ने नियोजन नीति बनाई थी. उसके तहत झारखंड के 24 जिलों में से 13 जिलों को अधिसूचित जिला और 11 जिलों को गैर अधिसूचित जिला बताया था. 13 अधिसूचित जिलों में वहीं के स्थानीय लोगों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग में नौकरी की सुविधा दी गई थी, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का उल्लंघन बताते हुए नियोजन नीति को अवैध करार दिया था, साथ ही 13 जिलों में हुई नियुक्ति प्रक्रिया को भी रद्द करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढे़ं:- रांचीः इंटरमीडिएट शिक्षक के तबादला मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, पूर्व सरकार के मंत्री के फैसले को अदालत ने किया रद्द

हाई कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी संख्या में चयनित शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है. इस मामले को लेकर मानसून सत्र के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ. अब सरकार ने पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फैसला किया है.

रांची: सोमवार को हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को अवैध करार दिया था और हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले को रद्द करने का निर्देश दिया था. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा है कि सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

जानकारी देते सीएम


पूर्वर्ती रघुवर सरकार ने नियोजन नीति बनाई थी. उसके तहत झारखंड के 24 जिलों में से 13 जिलों को अधिसूचित जिला और 11 जिलों को गैर अधिसूचित जिला बताया था. 13 अधिसूचित जिलों में वहीं के स्थानीय लोगों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग में नौकरी की सुविधा दी गई थी, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का उल्लंघन बताते हुए नियोजन नीति को अवैध करार दिया था, साथ ही 13 जिलों में हुई नियुक्ति प्रक्रिया को भी रद्द करने का आदेश दिया था.

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हाई कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी संख्या में चयनित शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है. इस मामले को लेकर मानसून सत्र के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ. अब सरकार ने पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फैसला किया है.

Last Updated : Sep 24, 2020, 9:18 AM IST
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