रांची: झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में गुरुवार को विपक्ष के सवालों का आ रहे गलत जवाब पर सरकार घिरती नजर आई. हालांकि सत्ताधारी दल का कहना है कि पिछली सरकार में अधिकारियों की कार्यशैली अलग थी, जबकि इस सरकार में अलग कार्यशैली है. इस वजह से टकराहट हो रही है, जबकि विपक्ष का सीधा आरोप है कि मंत्री ने जवाब को पहले ही गलत ठहराया था, तो उसे सदन में नहीं लाना चाहिए था.
सदन में गलत जवाब नहीं आना चाहिए: सुदेश महतो
आजसू विधायक सुदेश महतो ने सरकार के पक्ष से आ रहे गलत जवाबों को लेकर कहा कि सदन में गलत जवाब नहीं आना चाहिए. अगर संसदीय कार्यमंत्री ने इसे देखा था, तो इसे सदन का पार्ट नहीं बनने देना चाहिए था. बल्कि उसमें संबंधित पदाधिकारी से सुधार करवा कर दूसरे दिन लाना चाहिए था.
मंत्री को अधिकारी गुमराह कर रहे: राज सिन्हा
वहीं, बीजेपी विधायक राज सिन्हा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने गलत जवाब को स्वीकार भी किया है. एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है, सदन और मंत्री को अधिकारी गुमराह कर रहे हैं. जो अधिकारी गलत जवाब बना रहे हैं, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सीएम से आग्रह किया है कि इस तरह के जवाब टालमटोल करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री ने भी माना है कि उन्होंने अधिकारी को कहा कि ये गलत जवाब है. बावजूद इसके जवाब सदन में आना हास्यास्पद है.
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पदाधिकारियों की लापरवाही: स्टीफन मरांडी
वहीं, सत्ता पक्ष के जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछली सरकार में हर विषय पर जो नीतियां बनी है, वह टकराव की स्थिति पैदा करती है. इस सरकार का किसी भी विषय पर स्टैंड दूसरा है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा, पदाधिकारियों की मंशा और पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों और वर्तमान सरकार की नीतियों में अंतर है. इस वजह से कभी-कभी कन्फ्यूजन हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसमें पदाधिकारियों की लापरवाही है. इस लिए मंत्री को सतर्क और सजग होने की जरूरत है और रिव्यु के क्रम में इन चीजों को डिलीट किया जाना चाहिए.