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पहली सीएसआर नीति को हेमंत सरकार ने दी है मंजूरी, कैसे और किसको मिलेगा फायदा, पढ़ें रिपोर्ट - सीएसआर पॉलिसी को हेमंत सरकार की मंजूरी

झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी सरकार ने मंत्री परिषद की बैठक में अपनी पहली सीएसआर नीति को मंजूरी दी है. इसका मकसद है केंद्र और राज्य सरकार की सीएसआर के तहत होने वाले समान विकास कार्यों के दोहराव से बचना. वर्तमान सरकार का मानना है कि नई सीएसआर नीति की मदद से राज्य सरकार, कॉरपोरेट्स, सिविल सोसाइटी और अन्य संगठनों के बीच साझेदारी बनेगी.

hemant soren csr policy
हेमंत सोरेन.
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Published : Feb 4, 2021, 11:22 PM IST

रांची: झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी सरकार ने मंत्री परिषद की बैठक में अपनी पहली सीएसआर नीति को मंजूरी दी है. इसका मकसद है केंद्र और राज्य सरकार की सीएसआर के तहत होने वाले समान विकास कार्यों के दोहराव से बचना. वर्तमान सरकार का मानना है कि नई सीएसआर नीति की मदद से राज्य सरकार, कॉरपोरेट्स, सिविल सोसाइटी और अन्य संगठनों के बीच साझेदारी बनेगी और उनकी प्राथमिकताओं और गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना आसान होगा. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होगी और योजनाओं से जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकेंगे.

हेमंत सरकार चाहती है कि पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और आजीविका के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने और लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सीएसआर का सदुपयोग हो. वर्तमान सरकार का मानना है कि नई नीति के साथ कॉरपोरेट्स को प्राथमिकताओं के क्षेत्रों के बारे में सही जानकारी मिलेगी. जबकि पूर्व में नीति के अभाव में कॉरपोरेट घराने परियोजनाओं के चयन में कठिनाई का अनुभव करते थे. लेकिन, नई नीति के लागू होने से दीर्घकालिक मजबूत विकास की योजना को बल मिलेगा.

यह भी पढ़ें: हेमंत कैबिनेट के 10वें मंत्री की ताजपोशी कल, हफीज उल हसन बनेंगे मंत्री

झारखंड सीएसआर नीति 2020 के लक्ष्य को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत झारखंड कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. यह प्राधिकरण राज्य में सीएसआर निवेश बढ़ाने की दिशा में काम करेगा. झारखंड सीएसआर प्राधिकरण की स्थापना के बाद झारखंड सीएसआर परिषद स्वतः भंग हो जाएगा. सीएसआर पोर्टल को प्राधिकरण की देखरेख में बनाया जाएगा. सीएसआर पोर्टल में सेक्टर, जिलों और विभागों के अनुसार सीएसआर के तहत वित्त पोषित की जा रही वर्तमान योजनाओं का विवरण होगा. इसके अतिरिक्त सीएसआर फंडिंग, सीएसआर फंडिंग की नीति और परिचालन दिशा निर्देश, परियोजना प्रस्ताव के लिए प्रारूप, कॉरपोरेट पंजीकरण फॉर्म और एमओयू से संबंधित अन्य सभी विवरण पोर्टल पर उपलब्ध होगा.

रांची: झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी सरकार ने मंत्री परिषद की बैठक में अपनी पहली सीएसआर नीति को मंजूरी दी है. इसका मकसद है केंद्र और राज्य सरकार की सीएसआर के तहत होने वाले समान विकास कार्यों के दोहराव से बचना. वर्तमान सरकार का मानना है कि नई सीएसआर नीति की मदद से राज्य सरकार, कॉरपोरेट्स, सिविल सोसाइटी और अन्य संगठनों के बीच साझेदारी बनेगी और उनकी प्राथमिकताओं और गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना आसान होगा. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होगी और योजनाओं से जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकेंगे.

हेमंत सरकार चाहती है कि पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और आजीविका के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने और लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सीएसआर का सदुपयोग हो. वर्तमान सरकार का मानना है कि नई नीति के साथ कॉरपोरेट्स को प्राथमिकताओं के क्षेत्रों के बारे में सही जानकारी मिलेगी. जबकि पूर्व में नीति के अभाव में कॉरपोरेट घराने परियोजनाओं के चयन में कठिनाई का अनुभव करते थे. लेकिन, नई नीति के लागू होने से दीर्घकालिक मजबूत विकास की योजना को बल मिलेगा.

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झारखंड सीएसआर नीति 2020 के लक्ष्य को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत झारखंड कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. यह प्राधिकरण राज्य में सीएसआर निवेश बढ़ाने की दिशा में काम करेगा. झारखंड सीएसआर प्राधिकरण की स्थापना के बाद झारखंड सीएसआर परिषद स्वतः भंग हो जाएगा. सीएसआर पोर्टल को प्राधिकरण की देखरेख में बनाया जाएगा. सीएसआर पोर्टल में सेक्टर, जिलों और विभागों के अनुसार सीएसआर के तहत वित्त पोषित की जा रही वर्तमान योजनाओं का विवरण होगा. इसके अतिरिक्त सीएसआर फंडिंग, सीएसआर फंडिंग की नीति और परिचालन दिशा निर्देश, परियोजना प्रस्ताव के लिए प्रारूप, कॉरपोरेट पंजीकरण फॉर्म और एमओयू से संबंधित अन्य सभी विवरण पोर्टल पर उपलब्ध होगा.

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