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HEC प्लांट हॉस्पिटल बन कर रह गया है 'रेफर' सेंटर, प्राथमिक उपचार से ज्यादा कोई सुविधा नहीं है उपलब्ध

एचईसी प्लांट हॉस्पिटल आज बस एक वैलनेस सेंटर बन कर रह गया है. ना तो  यहां ओपीडी की सुविधा है, ना ही किसी तरह की विशेष जांच की सुविधा. गंभीर हालत में मरीजों को रिम्स रेफर किया जा रहा है.

HEC प्लांट हॉस्पिटल बन कर रह गया है 'रेफर' सेंटर
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Published : Mar 13, 2019, 3:15 PM IST

रांचीः धुर्वा के लाइफ लाइन कहे जाने वाले एचईसी प्लांट हॉस्पिटल आज बस एक वैलनेस सेंटर बन कर रह गया है. कुछ साल पहले जो एचईसी प्लांट अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लेता था. अब गंभीर बीमारी के लिए मरीजों को रिम्स रेफर कर रहा है. 300 बेड वाला हॉस्पिटल अपने कर्मचारियों और एचईसी इलाकें के लोगों के लिए महज 20 बेड के अस्पताल में बदल चुका है.

HEC प्लांट हॉस्पिटल बन कर रह गया है 'रेफर' सेंटर

एचईसी की खराब स्थिति की वजह से एचईसी का अस्पताल भी काफी दयनीय स्थिति में है. पारस अस्पताल के एचईसी प्लांट के हॉस्पिटल लेने के बाद एचीईसी का हॉस्पिटल वहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. एचईसी में काम कर रहे कर्मचारी और पूर्व कर्मचारियों की अब बस प्राथमिक इलाज ही हो पाता है. अब ना तो यहां ओपीडी की सुविधा है, ना ही किसी तरह की विशेष जांच की सुविधा. गंभीर हालत में मरीजों को रिम्स रेफर किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की तैयारी शुरू, 16 लाख 70 हजार 371 मतदाता तय करेंगे नया सांसद

मेडिकल अधिकारी केके कदम ने बताया कि वेलनेस सेंटर में सभी तरह की सुविधाएं है लेकिन अभी मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है. यहां सिर्फ प्राथमिक उपचार ही होता है. वहीं वैलनेस सेंटर में मौजूद कर्मचारी और मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हॉस्पिटल में पानी की कमी देखने को मिलती है जिससे कभी- कभी सेंटर में रही नर्सों को भी काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है.

रांचीः धुर्वा के लाइफ लाइन कहे जाने वाले एचईसी प्लांट हॉस्पिटल आज बस एक वैलनेस सेंटर बन कर रह गया है. कुछ साल पहले जो एचईसी प्लांट अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लेता था. अब गंभीर बीमारी के लिए मरीजों को रिम्स रेफर कर रहा है. 300 बेड वाला हॉस्पिटल अपने कर्मचारियों और एचईसी इलाकें के लोगों के लिए महज 20 बेड के अस्पताल में बदल चुका है.

HEC प्लांट हॉस्पिटल बन कर रह गया है 'रेफर' सेंटर

एचईसी की खराब स्थिति की वजह से एचईसी का अस्पताल भी काफी दयनीय स्थिति में है. पारस अस्पताल के एचईसी प्लांट के हॉस्पिटल लेने के बाद एचीईसी का हॉस्पिटल वहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. एचईसी में काम कर रहे कर्मचारी और पूर्व कर्मचारियों की अब बस प्राथमिक इलाज ही हो पाता है. अब ना तो यहां ओपीडी की सुविधा है, ना ही किसी तरह की विशेष जांच की सुविधा. गंभीर हालत में मरीजों को रिम्स रेफर किया जा रहा है.

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मेडिकल अधिकारी केके कदम ने बताया कि वेलनेस सेंटर में सभी तरह की सुविधाएं है लेकिन अभी मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है. यहां सिर्फ प्राथमिक उपचार ही होता है. वहीं वैलनेस सेंटर में मौजूद कर्मचारी और मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हॉस्पिटल में पानी की कमी देखने को मिलती है जिससे कभी- कभी सेंटर में रही नर्सों को भी काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है.

Intro:रांची हितेश धुर्वा का लाइफ लाइन कहा जाने वाला एचईसी प्लांट हॉस्पिटल आज वैलनेस सेंटर में तब्दील हो गया है।कुछ वर्ष पहले जो एचईसी प्लांट अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लिया हुआ था आज एक रेफर सेंटर बन कर अपने बचे-कूचे कर्मचारियों की भी स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने में असमर्थ हो रहा है। 300 बेड वाला हॉस्पिटल आज अपने कर्मचारियों और एचईसी इलाके के लोगों के लिए महज 20 बेड के अस्पताल में तब्दील हो गया है।


Body:एचईसी की गिरती अर्थव्यवस्था और हालात को लेकर एचईसी का अस्पताल भी काफी दयनीय स्थिति में आ गया है। पारस अस्पताल के द्वारा एचईसी प्लांट का हॉस्पिटल लेने के बाद एचीईसी का हॉस्पिटल वहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे एचईसी में काम कर रहे कर्मचारी व पूर्व कर्मचारी अब सिर्फ प्राथमिक इलाज ही करवा पा रहे हैं। एचईसी प्लांट का विशाल हॉस्पिटल एक वैलनेस सेंटर में तब्दील होने के बाद यहां पर ना तो ओपीडी की सुविधा है ना ही किसी तरह की विशेष जांच की सुविधा दी जा रही है। गंभीर हालत में मरीजों को रांची के रिम्स अस्पताल रेफर किया जा रहा है। धुर्वा का लाइफ लाइन कहा जाने वाला यह अस्पताल आज सिर्फ प्राथमिक चिकित्सा ही कर पा रहा है।


Conclusion:वैलनेस सेंटर के चीफ मेडिकल अधिकारी के.के कदम बताते हैं कि वैलनेस सेंटर में सभी तरह की सुविधा है लेकिन अभी ऐडमिशन यहां नहीं लिया जाता है सिर्फ प्राथमिकी इलाज ही करवाई जा रही है। लेकिन हमने जब वैलनेस सेंटर में मौजूद कर्मचारी और मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हॉस्पिटल में पानी की भी कमी देखने को मिलती है जिससे कभी कभी वैलनेस सेंटर में रह रहे नर्सेस को भी काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। वैसे हमारे पूछने के बाद भी वेलनेस सेंटर के स्वास्थ्य अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए लेकिन हालात देखने के बाद और हमारे कैमरे में कैद अस्पताल की दयनीय तस्वीर यह बताती है कि धुर्वा का लाइफ लाइन कहा जाने वाला यह अस्पताल खुद बीमार नजर आ रहा है। बाइट के.के कदम,सीएमओ। बाइट अदिती सिन्हा, चिकत्सक। etv भारत के लिये हितेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट।
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