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एचईसी कर्मचारियों को सात माह से नहीं मिला वेतन, फीस जमा न होने से कर्मचारियों के बच्चे स्कूल आने से रोके जा रहे

रांची के धुर्वा में एचईसी की खस्ताहालत का सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ा है. यहां के कर्मचारियों को 7 माह से वेतन नहीं मिल सका है. इससे उनकी आर्थिक हालत खराब हो गई है. नतीजा यह है कि वे बच्चों की फीस तक जमा नहीं कर पा रहे हैं. इससे कई स्कूलों ने फीस जमा न होने से कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल आने से रोक दिया है. इससे उनका भविष्य खतरे में है.

HEC employees not get salary for seven months children of employees in trouble due to non-payment of fees in ranchi
एचईसी कर्मचारियों को सात माह से नहीं मिला वेतन, फीस जमा न होने से कर्मचारियों के बच्चे स्कूल आने से रोके जा रहे
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Published : Apr 24, 2022, 3:39 PM IST

रांची: रांची के धुर्वा स्थित एचईसी क्षेत्र में रहने वाले एचईसी कर्मचारियों को 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. इसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, वे अपने बच्चों की फीस तक नहीं भर पा रहे हैं. इससे उनके बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. कई स्कूलों ने फीस जमा न करने वाले एचईसी कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल आने से रोक दिया है. वहीं एचईसी कर्मचारियों की यूनियन ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें-'मन की बात' में बोले पीएम मोदी- BHIM UPI हमारी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गया

अभिभावक रविकांत बताते हैं कि स्कूल की तरफ से बच्चों को फीस देने तक आने के लिए मना कर दिया गया है. उनका कहना है कि जब तक फीस जमा नहीं किया जाएगा, तब तक उनके बच्चों को स्कूल आने की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि बच्चों की फीस भी प्रबंधन द्वारा जमा नहीं की जा रही है. ऐसे में हमारे बच्चे घर में बैठने को मजबूर हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो गया है. उन्हीं की तरह कई और अभिभावकों ने बताया कि घर में खाने के लिए अनाज भी नहीं है, ऐसी स्थिति में हम स्कूल फीस कैसे जमा कर सकते हैं.

देखें पूरी खबर



प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोपः यूनियन नेता भवन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एचईसी प्रबंधन की तरफ से पिछली बैठक में यह करार किया गया था कि जिन बच्चों की स्कूल फीस बाकी है. उनके लिए एचईसी प्रबंधन एक कमेटी बनाकर सीधे संबंधित स्कूल को पैसे मुहैया करा देगी ताकि बच्चों का स्कूल बाधित ना हो. लेकिन प्रबंधन ने वादाखिलाफी करते हुए प्रक्रिया में बदलाव कर दिया जिसमें यह तय किया गया कि एचईसी कारखाने में काम करने वाले कर्मचारी और अभिभावक आवेदन जमा करें और उस आधार पर उनके बच्चों की फीस स्कूल में जमा की जाएगी. लेकिन यह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में चली गई और बच्चों का फीस प्रबंधन की तरफ से मुहैया नहीं कराया गया. अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर बच्चों ने भी बताया कि फीस जमा नहीं होने के कारण कई बार स्कूल में डांट भी सुनने को मिलती है और स्कूल के मैनेजमेंट द्वारा स्कूल आने से मना भी किया जाता है.

सेंट थॉमस स्कूल के बच्चों को स्कूल आने से रोकने का आरोपः एक मामला धुर्वा स्थित सेंट थॉमस स्कूल में देखने को मिला. एचईसी के एफएफपी प्लांट में काम कर रहे अनिल कुमार तिवारी के दो बच्चे धुर्वा के सेंट थॉमस स्कूल में पढ़ते हैं, स्कूल प्रबंधन ने दोनों बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया, जिसके बाद अभिभावक ने एचईसी प्रबंधन की मदद से स्कूल मैनेजमेंट से बात की लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने प्रबंधन और अभिवावक की एक ना सुनी और बच्चे को स्कूल आने से साफ मना कर दिया. जिस वजह से अनिल कुमार तिवारी के दोनों बच्चे पिछले एक महीने से घर में बैठने को मजबूर हैं और स्कूल नहीं जाने की वजह से उनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है. वहीं जब सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.


समस्या सुलझाने की अपीलः गौरतलब है कि एचईसी को मातृ उद्योग कहा जाता है और कभी इसे राज्य एवं देश की आन बान शान भी माना जाता था. लेकिन आज इस संस्थान में काम करने वाले कर्मचारियों के वर्तमान की बात तो छोड़ ही दें अब उनका भविष्य भी अंधकार की ओर दिख रहा है . सभी कर्मचारियों ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एचईसी प्रबंधन और शिक्षा विभाग से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द बच्चों के बकाये फीस की समस्या को सुलझाएं.

रांची: रांची के धुर्वा स्थित एचईसी क्षेत्र में रहने वाले एचईसी कर्मचारियों को 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. इसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, वे अपने बच्चों की फीस तक नहीं भर पा रहे हैं. इससे उनके बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. कई स्कूलों ने फीस जमा न करने वाले एचईसी कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल आने से रोक दिया है. वहीं एचईसी कर्मचारियों की यूनियन ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

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अभिभावक रविकांत बताते हैं कि स्कूल की तरफ से बच्चों को फीस देने तक आने के लिए मना कर दिया गया है. उनका कहना है कि जब तक फीस जमा नहीं किया जाएगा, तब तक उनके बच्चों को स्कूल आने की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया कि बच्चों की फीस भी प्रबंधन द्वारा जमा नहीं की जा रही है. ऐसे में हमारे बच्चे घर में बैठने को मजबूर हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो गया है. उन्हीं की तरह कई और अभिभावकों ने बताया कि घर में खाने के लिए अनाज भी नहीं है, ऐसी स्थिति में हम स्कूल फीस कैसे जमा कर सकते हैं.

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प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोपः यूनियन नेता भवन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एचईसी प्रबंधन की तरफ से पिछली बैठक में यह करार किया गया था कि जिन बच्चों की स्कूल फीस बाकी है. उनके लिए एचईसी प्रबंधन एक कमेटी बनाकर सीधे संबंधित स्कूल को पैसे मुहैया करा देगी ताकि बच्चों का स्कूल बाधित ना हो. लेकिन प्रबंधन ने वादाखिलाफी करते हुए प्रक्रिया में बदलाव कर दिया जिसमें यह तय किया गया कि एचईसी कारखाने में काम करने वाले कर्मचारी और अभिभावक आवेदन जमा करें और उस आधार पर उनके बच्चों की फीस स्कूल में जमा की जाएगी. लेकिन यह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में चली गई और बच्चों का फीस प्रबंधन की तरफ से मुहैया नहीं कराया गया. अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर बच्चों ने भी बताया कि फीस जमा नहीं होने के कारण कई बार स्कूल में डांट भी सुनने को मिलती है और स्कूल के मैनेजमेंट द्वारा स्कूल आने से मना भी किया जाता है.

सेंट थॉमस स्कूल के बच्चों को स्कूल आने से रोकने का आरोपः एक मामला धुर्वा स्थित सेंट थॉमस स्कूल में देखने को मिला. एचईसी के एफएफपी प्लांट में काम कर रहे अनिल कुमार तिवारी के दो बच्चे धुर्वा के सेंट थॉमस स्कूल में पढ़ते हैं, स्कूल प्रबंधन ने दोनों बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया, जिसके बाद अभिभावक ने एचईसी प्रबंधन की मदद से स्कूल मैनेजमेंट से बात की लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने प्रबंधन और अभिवावक की एक ना सुनी और बच्चे को स्कूल आने से साफ मना कर दिया. जिस वजह से अनिल कुमार तिवारी के दोनों बच्चे पिछले एक महीने से घर में बैठने को मजबूर हैं और स्कूल नहीं जाने की वजह से उनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है. वहीं जब सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.


समस्या सुलझाने की अपीलः गौरतलब है कि एचईसी को मातृ उद्योग कहा जाता है और कभी इसे राज्य एवं देश की आन बान शान भी माना जाता था. लेकिन आज इस संस्थान में काम करने वाले कर्मचारियों के वर्तमान की बात तो छोड़ ही दें अब उनका भविष्य भी अंधकार की ओर दिख रहा है . सभी कर्मचारियों ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एचईसी प्रबंधन और शिक्षा विभाग से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द बच्चों के बकाये फीस की समस्या को सुलझाएं.

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