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झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना का कहर, 25 अप्रैल तक सुनवाई पर रोक

कोविड-19 की जद में आने से झारखंड हाई कोर्ट के कई वकील अपनी जान गंवा चुके हैं. रजिस्ट्रार जनरल समेत कई न्यायिक अधिकारी, वकील और सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कोरोना हो गया है. इनमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी वकीलों को 25 अप्रैल तक किसी भी प्रकार की कोर्ट की कार्रवाई से अलग रहने का निर्देश दिया है.

hearings in jharkhand high court  stopped till 25 April due to corona pandemic
कोरोना की लहर: झारखंड हाई कोर्ट के कई वकीलों की मौत, 25 अप्रैल तक सुनवाई पर रोक
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Published : Apr 21, 2021, 4:14 PM IST

रांची: कोविड-19 की जद में झारखंड हाई कोर्ट के कई वकील भी आने लगे हैं. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत कई न्यायिक अधिकारी, कई वकील और सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कोरोना हो गया है. इनमें से कई वकीलों की हालत नाजुक बनी हुई है. ऐसे में झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी अधिवक्ताओं को किसी भी प्रकार की कोर्ट की कार्रवाई से अलग रहने का निर्देश दिया है और अपने को सुरक्षित रखने को कहा है.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी जानकारी

इसे भी पढ़ें- रांची रेल मंडल के डीआरएम समेत 196 कर्मचारी कोरोना संक्रमित

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से झारखंड में आए दिन बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. इस संक्रमण से राज्य के कई वकीलों की हाल ही में मौत हो गई है. चारों तरफ कोरोना के कहर से दहशत का माहौल बन गया है. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत कई न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और सेवानिवृत्त न्यायाधीश कोरोना पॉजिटिव हैं. इनमें से कई वकीलों की हालत गंभीर बनी हुई है.

झारखंड स्टेट बार काउंसिल का अहम फैसला

झारखंड हाईकोर्ट ने हाई कोर्ट समेत सभी सिविल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत चलाने का निर्देश दिया था. फिजिकल कोर्ट बंद हैं, लेकिन जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है और सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग चरमरा गई है. एहतियात के तौर पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने अहम फैसला लेते हुए सभी अधिवक्ताओं को किसी भी प्रकार की कोर्ट की कार्रवाई से अलग रहने का निर्देश दिया है और अपने को सुरक्षित रखने को कहा है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल का मानना है कि जिस तरह के हालात राज्य में हैं, उसमें अधिवक्ता अपने घर में ही रहकर सुरक्षित रह सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के माता-पिता कोरोना संक्रमित, पल्स अस्पताल में हैं भर्ती

25 अप्रैल तक किसी भी तरह की अदालती कार्रवाई में अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को भाग नहीं लेने के लिए कहा गया है. बताते चलें कि पिछले दो सप्ताह में कई अधिवक्ताओं की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई है. इसमें अजय कुमार मिश्रा, अरुण कुमार मिश्रा, पंकज कुमार तिवारी, पी.एन लाल, सच्चिदानंद प्रसाद, कृष्ण मुरारी वर्मा, रूबी प्रवीण का निधन हो गया है.

वहीं, रमाकांत तिवारी, भैया विश्वजीत, ललित कुमार लाल, राहुल गुप्ता , इंद्रजीत सिन्हा, सुमित गड़ोदिया, रजिस्ट्रार जनरल अंबुजनाथ, कौशिक सारखेल, अशोक कुमार और अन्य कोविड-19 संक्रमित हैं, इनमें से कुछ वकील अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती हैं और कुछ होम क्वारंटीन में हैं.

रांची: कोविड-19 की जद में झारखंड हाई कोर्ट के कई वकील भी आने लगे हैं. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत कई न्यायिक अधिकारी, कई वकील और सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कोरोना हो गया है. इनमें से कई वकीलों की हालत नाजुक बनी हुई है. ऐसे में झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी अधिवक्ताओं को किसी भी प्रकार की कोर्ट की कार्रवाई से अलग रहने का निर्देश दिया है और अपने को सुरक्षित रखने को कहा है.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी जानकारी

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कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से झारखंड में आए दिन बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. इस संक्रमण से राज्य के कई वकीलों की हाल ही में मौत हो गई है. चारों तरफ कोरोना के कहर से दहशत का माहौल बन गया है. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत कई न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और सेवानिवृत्त न्यायाधीश कोरोना पॉजिटिव हैं. इनमें से कई वकीलों की हालत गंभीर बनी हुई है.

झारखंड स्टेट बार काउंसिल का अहम फैसला

झारखंड हाईकोर्ट ने हाई कोर्ट समेत सभी सिविल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत चलाने का निर्देश दिया था. फिजिकल कोर्ट बंद हैं, लेकिन जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है और सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग चरमरा गई है. एहतियात के तौर पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने अहम फैसला लेते हुए सभी अधिवक्ताओं को किसी भी प्रकार की कोर्ट की कार्रवाई से अलग रहने का निर्देश दिया है और अपने को सुरक्षित रखने को कहा है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल का मानना है कि जिस तरह के हालात राज्य में हैं, उसमें अधिवक्ता अपने घर में ही रहकर सुरक्षित रह सकते हैं.

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25 अप्रैल तक किसी भी तरह की अदालती कार्रवाई में अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक को भाग नहीं लेने के लिए कहा गया है. बताते चलें कि पिछले दो सप्ताह में कई अधिवक्ताओं की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई है. इसमें अजय कुमार मिश्रा, अरुण कुमार मिश्रा, पंकज कुमार तिवारी, पी.एन लाल, सच्चिदानंद प्रसाद, कृष्ण मुरारी वर्मा, रूबी प्रवीण का निधन हो गया है.

वहीं, रमाकांत तिवारी, भैया विश्वजीत, ललित कुमार लाल, राहुल गुप्ता , इंद्रजीत सिन्हा, सुमित गड़ोदिया, रजिस्ट्रार जनरल अंबुजनाथ, कौशिक सारखेल, अशोक कुमार और अन्य कोविड-19 संक्रमित हैं, इनमें से कुछ वकील अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती हैं और कुछ होम क्वारंटीन में हैं.

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