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टेरर फंडिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने NIA से मांगा जवाब

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Published : Feb 11, 2020, 10:41 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट में टंडवा स्थित मगध अम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनआईए को 4 सप्ताह में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. अजीत कुमार ठाकुर ने एनआईए की ओर से टेरर फंडिंग मामले में वांटेड घोषित करने और एनआईए के विशेष अदालत की तरफ से संज्ञान लिए जाने के विरुद्ध में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है.

jharkhand high court, झारखंड हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: टंडवा स्थित मगध अम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनआईए को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

देखें पूरी खबर

टेरर फंडिंग मामले हुई सुनवाई
न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में अजीत कुमार ठाकुर की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनआईए को 4 सप्ताह में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. अजीत कुमार ठाकुर ने एनआईए की ओर से टेरर फंडिंग मामले में वांटेड घोषित करने और एनआईए के विशेष अदालत की तरफ से संज्ञान लिए जाने के विरुद्ध में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने एनआईए को जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- बुरुगुलीकेरा गांव पहुंची राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कहा- दिल दहला देनेवाली थी घटना

8 टीपीसी उग्रवादी वांटेड घोषित
एनआईए ने चतरा के टंडवा स्थित मगध- आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर समेत आठ टीपीसी उग्रवादियों को वांटेड घोषित किया है. अजीत कुमार ठाकुर परियोजना शुरू होने के दौरान आम्रपाली परियोजना के जीएम थे. वह रांची के आर्या होटल के पीछे स्थित मोदी कंपाउंड के गुलमोहर अपार्टमेंट के 506 नंबर फ्लैट में रहते थे, लेकिन उन्होंने अपने इस फ्लैट को किराए पर दे रखा है. एनआईए ने टीपीसी समेत विस्थापितों की कमेटी बनाकर उगाही के मामले में सीसीएल के ही कर्मचारी व टीपीसी के उग्रवादी संगठन के घोषित कमांडर भीखन गंझू, मुकेश गंझू, विस्थापित नेता व ट्रांसपोर्टर प्रेम विकास सिंह, बीरबल गंझू, टीपीसी सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अनिश्चय गंझू को वांटेड घोषित किया है.

2018 में दर्ज हुई थी एफआईआर
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए कोल परियोजनाओं से वसूली के मामले की जांच कर रही है. चतरा में सीसीएल अफसरों, टीपीसी, स्थानीय कमेटियों व ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेवी वसूली के मामलों में साल 2018 में एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में एनआईए ने सीसीएल के चालक और मास्टरमाइंड सुभान मियां समेत 14 लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया है.

रांची: टंडवा स्थित मगध अम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनआईए को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

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टेरर फंडिंग मामले हुई सुनवाई
न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में अजीत कुमार ठाकुर की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनआईए को 4 सप्ताह में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. अजीत कुमार ठाकुर ने एनआईए की ओर से टेरर फंडिंग मामले में वांटेड घोषित करने और एनआईए के विशेष अदालत की तरफ से संज्ञान लिए जाने के विरुद्ध में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने एनआईए को जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

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8 टीपीसी उग्रवादी वांटेड घोषित
एनआईए ने चतरा के टंडवा स्थित मगध- आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर समेत आठ टीपीसी उग्रवादियों को वांटेड घोषित किया है. अजीत कुमार ठाकुर परियोजना शुरू होने के दौरान आम्रपाली परियोजना के जीएम थे. वह रांची के आर्या होटल के पीछे स्थित मोदी कंपाउंड के गुलमोहर अपार्टमेंट के 506 नंबर फ्लैट में रहते थे, लेकिन उन्होंने अपने इस फ्लैट को किराए पर दे रखा है. एनआईए ने टीपीसी समेत विस्थापितों की कमेटी बनाकर उगाही के मामले में सीसीएल के ही कर्मचारी व टीपीसी के उग्रवादी संगठन के घोषित कमांडर भीखन गंझू, मुकेश गंझू, विस्थापित नेता व ट्रांसपोर्टर प्रेम विकास सिंह, बीरबल गंझू, टीपीसी सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अनिश्चय गंझू को वांटेड घोषित किया है.

2018 में दर्ज हुई थी एफआईआर
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए कोल परियोजनाओं से वसूली के मामले की जांच कर रही है. चतरा में सीसीएल अफसरों, टीपीसी, स्थानीय कमेटियों व ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेवी वसूली के मामलों में साल 2018 में एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में एनआईए ने सीसीएल के चालक और मास्टरमाइंड सुभान मियां समेत 14 लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया है.

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