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मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर PIL पर सुनवाई टली - अधिवक्ता राजीव कुमार

झारखंड हाई कोर्ट में मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी. आज कोर्ट नहीं बैठने के कारण सुनवाई टल गई.

Nomination for fourth phase
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Published : May 6, 2022, 1:57 PM IST

Updated : May 6, 2022, 2:31 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका (Public Interest Litigation PIL) पर सुनवाई टल गई है. अब इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था लेकिन कोर्ट नहीं बैठने के कारण आज सुनवाई नहीं हो सकी.

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई टली, अगले सप्ताह हो सकती है सुनवाई

याचिका में क्या है: मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ दायर याचिका के माध्यम से प्रार्थी ने विधानसभा में नियुक्ति घोटाला मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है. वर्ष 2007-08 में झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति घोटाला की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि साल 2008 में मधु कोड़ा शासन काल में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति की थी, जिसमें भारी अनियमितता बरती गई है.


20 बिंदु पाए गए हैं अनियमित: प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार के मुताबिक, झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में अनियमितता की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी. जांच में 20 ऐसे बिंदु हैं जो अनियमित पाई गई है लेकिन, अभी तक उसपर कोई अमल नहीं किया गया है. वहीं, साल 2019 में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने घूस लेने की कथित सीडी की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था लेकिन, उसमें भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है. जनहित याचिका में झारखंड के डीजीपी, मंत्री आलमगीर आलम और सीबीआई को पार्टी बनाया गया है.

रांची: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका (Public Interest Litigation PIL) पर सुनवाई टल गई है. अब इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था लेकिन कोर्ट नहीं बैठने के कारण आज सुनवाई नहीं हो सकी.

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याचिका में क्या है: मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ दायर याचिका के माध्यम से प्रार्थी ने विधानसभा में नियुक्ति घोटाला मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है. वर्ष 2007-08 में झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति घोटाला की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि साल 2008 में मधु कोड़ा शासन काल में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति की थी, जिसमें भारी अनियमितता बरती गई है.


20 बिंदु पाए गए हैं अनियमित: प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार के मुताबिक, झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में अनियमितता की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी. जांच में 20 ऐसे बिंदु हैं जो अनियमित पाई गई है लेकिन, अभी तक उसपर कोई अमल नहीं किया गया है. वहीं, साल 2019 में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने घूस लेने की कथित सीडी की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था लेकिन, उसमें भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है. जनहित याचिका में झारखंड के डीजीपी, मंत्री आलमगीर आलम और सीबीआई को पार्टी बनाया गया है.

Last Updated : May 6, 2022, 2:31 PM IST
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