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रांची: झारखंड हाई कोर्ट में JPSC अभ्यर्थी निशु कुमारी की याचिका पर हुई सुनवाई, अदालत ने जेपीएससी से मांगा जवाब - झारखंड हाई कोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा

छठी जेपीएससी में निशु कुमारी को 626 अंक प्राप्त करने पर भी उन्हें प्रशासनिक सेवा नहीं दिया गया, जबकि उससे कम अंक आने वाले 37 अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिया गया है. जेपीएससी के इसी आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी से इस मामले को लेकर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

Hearing on petition of JPSC candidate Nishu Kumari in Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 26, 2020, 7:42 PM IST

रांची: छठी जेपीएससी में 626 अंक प्राप्त करने वाली अभ्यर्थी को शिक्षा सेवा मिला है, जबकि उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और जेपीएससी को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

देखें पूरी खबर

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में याचिकाकर्ता निशु कुमारी की ओर से छठी जेपीएससी परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद भी उन्हें शिक्षा सेवा दी गई और कम अंक वाले को प्रशासनिक सेवा दी गई, जेपीएससी के इसी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और जेपीएससी के अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल ने अपने आवास से पक्ष रखा. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि निशु कुमारी एसटी हैं उन्होंने छठी जेपीएससी की परीक्षा में 626 अंक प्राप्त किया हैं. उनका कहना है कि इतने अंक प्राप्त करने के बाद उन्हें शिक्षा सेवा दिया गया है, जबकि उन से कम अंक प्राप्त करने वाले 37 अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिया गया है, यह गलत है, इसलिए उन्हें सिविल सेवा दिया जाए.

इसे भी पढे़ं:- रांचीः दहेज प्रताड़ना मामले के आरोपी की जमानत याचिका खारिज, मामले से जुड़े दो आरोपियों की याचिका स्वीकृत


बता दें कि निशु कुमारी को 626 अंक प्राप्त करने पर भी छठी जेपीएससी में प्रशासनिक सेवा नहीं दिया गया, जबकि उससे कम अंक आने वाले 37 अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिया गया है. जेपीएससी के इसी आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

रांची: छठी जेपीएससी में 626 अंक प्राप्त करने वाली अभ्यर्थी को शिक्षा सेवा मिला है, जबकि उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और जेपीएससी को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में याचिकाकर्ता निशु कुमारी की ओर से छठी जेपीएससी परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद भी उन्हें शिक्षा सेवा दी गई और कम अंक वाले को प्रशासनिक सेवा दी गई, जेपीएससी के इसी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और जेपीएससी के अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल ने अपने आवास से पक्ष रखा. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि निशु कुमारी एसटी हैं उन्होंने छठी जेपीएससी की परीक्षा में 626 अंक प्राप्त किया हैं. उनका कहना है कि इतने अंक प्राप्त करने के बाद उन्हें शिक्षा सेवा दिया गया है, जबकि उन से कम अंक प्राप्त करने वाले 37 अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिया गया है, यह गलत है, इसलिए उन्हें सिविल सेवा दिया जाए.

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बता दें कि निशु कुमारी को 626 अंक प्राप्त करने पर भी छठी जेपीएससी में प्रशासनिक सेवा नहीं दिया गया, जबकि उससे कम अंक आने वाले 37 अभ्यर्थी को सिविल सेवा दिया गया है. जेपीएससी के इसी आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

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