रांची: एसिड पीड़ित मुकेश कुमार सोनी के मुआवजे की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई के दौरान झालसा के सदस्य सचिव को हाजिर होने का आदेश दिया. झालसा के सदस्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान हाजिर हुए. अदालत ने पूछा कि, अभी तक एसिड पीड़ित को मुआवजा की राशि क्यों नहीं मिली है? उन्हें साहिबगंज के डालसा ( डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी ) के अधिकारी से बात कर मामले की अद्यतन रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में साहिबगंज जिले के एसिड पीड़ित मुकेश कुमार सोनी कि मुआवजे की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि, 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि पीड़ित को 3 लाख रुपये का मुआवजा 3 महीने के भीतर दिया जाना चाहिए, जिसमें स्पष्ट किया है कि 15 दिन के अंदर 1 लाख रुपये की मुआवजा राशि मिलनी चाहिए, जबकि 3 महीने में शेष 2 लाख रुपये मुआवजा का भी भुगतान कर दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई के दौरान ही झालसा के सदस्य सचिव को हाजिर होने को कहा. सदस्य सचिव सुनवाई में उपस्थित हुए, अदालत ने उन्हें साहिबगंज डालसा के अधिकारी से मुआवजे की अद्यतन स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.
2016 में मुकेश पर एसिड अटैक
याचिकाकर्ता मुकेश कुमार सोनी वर्ष 2016 में ट्रेन से कहीं जा रहे थे. धनबाद स्टेशन के आसपास उन पर एसिड से अटैक किया गया. उसके बाद उनका आधा चेहरा और एक कान जल गया. कान इतना क्षतिग्रस्त हो गई कि, उससे वह सुन नहीं पाते हैं. अपनी जमीन-जायदाद बेचकर उन्होंने इलाज कराया, लेकिन उन्हें सरकार की ओर से अभी तक कोई मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया. उसके बाद उन्होंने मुआवजा के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने झालसा के सदस्य सचिव को मुआवजा की अद्यतन स्थिति बताने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.