रांची: छठी जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इसको लेकर जेपीएससी ने अपना जवाब अदालत को सौंपा. अदालत को बताया कि उम्मीदवार संबंधित सेवा का शैक्षणिक अहर्ता नहीं रखता था, इसलिए उसका चयन नहीं किया गया. प्रार्थी ने जेपीएससी के इस जवाब को गलत बताया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में याचिकाकर्ता अभिषेक मनी सिन्हा की ओर से छठी जेपीएससी के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और जेपीएससी के अधिवक्ता संजय कुमार पिपरवाल ने अपने आवास से पक्ष रखा. जेपीएससी की ओर से जवाब दायर कर अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को 601 नंबर था, लेकिन इनका चयन योजना सेवा में नहीं हो सकता था, क्योंकि यह कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक थे. जबकि योजना सेवा में सिविल इंजीनियरिंग, कृषि स्नातक, भूगोल स्नातक, सांख्यिकी स्नातक और अन्य स्नातक को प्राथमिकता दी जाती है. इसलिए इनका चयन अंतिम रूप से नहीं किया गया. जेपीएससी के जवाब पर याचिकाकर्ता ने कई प्रश्न उठाएं. अदालत ने उन्हें 25 जून तक अपना प्रत्युत्तर पेश करने का आदेश दिया है. अदालत ने प्रार्थी को जेपीएससी के जवाब पर अपना प्रतिउत्तर देने का आदेश दिया है.
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बता दें कि अभिषेक मनी सिन्हा को 601 अंक प्राप्त करने पर भी छठी जेपीएससी में अंतिम रूप से चयन नहीं किया गया था. जबकि सामान्य कोटि के उम्मीदवार के लिए अंतिम चयनित उम्मीदवार को 600 अंक था. इसी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. उसी मामले पर सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने अपना जवाब सौंप दिया है. मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी.