रांची: नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को आंशिक सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र की बेंच में हुई आंशिक सुनवाई के बाद न्यायालय ने पूर्व में निर्धारित दो बिंदुओं पर सुनवाई 15 जून को निर्धारित की है. 15 जून को जिन दो बिंदुओं पर सुनवाई होगी उसमें पहला है कि न्यायालय के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को नेता प्रतिपक्ष पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जा सकता है या नहीं और दूसरा यह कि सर्वाधिक संख्या वाले किसी भी विरोधी दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है या नहीं.
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विधानसभा की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में पक्ष रख रहे अधिवक्ता अनिल कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर विधानसभा की ओर से पूर्व में जवाब दाखिल किया जा चुका है. न्यायालय ने पिछली सुनवाई में दो बिंदुओं को निर्धारित किया है. उसपर बहस 15 जून को होगी. उन्होंने बताया कि विधानसभा की ओर से दाखिल जवाब में नेता प्रतिपक्ष को लेकर स्पीकर न्यायाधिकरण में चल रहे दल बदल मामले की सुनवाई का हवाला दिया गया है.
आठ महीने से स्पीकर न्यायाधिकरण में है फैसला सुरक्षित: बाबूलाल मरांडी पर लगे दलबदल मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में फैसला पिछले 8 महीनों से सुरक्षित. बाबूलाल मरांडी के ऊपर 2020 में दल बदल का आरोप लगाते हुए स्पीकर न्यायाधिकरण में चार याचिका दाखिल की गई थी, जिसकी सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. बाबूलाल मरांडी के उपर 10वीं अनुसूची का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सर्वप्रथम राजकुमार यादव ने 16 दिसंबर 2020 को स्पीकर न्यायाधिकरण में याचिका दाखिल किया था. जिसका कांड संख्या 02/2020 है. उसी तरह भूषण तिर्की, दीपिका पांडे और प्रदीप यादव बंधु तिर्की ने भी याचिका दाखिल कर दल बदल का आरोप लगाया है.
इधर, विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के दल बदल मामले में गुरुवार 18 मई को विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई होगी. हालांकि बंधु तिर्की के ऊपर लगे आरोप विधानसभा की सदस्यता खत्म होते ही स्वत: समाप्त हो गई है. मगर जेवीएम से कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रदीप यादव के मामले में सुनवाई अभी जारी रहेगी. प्रदीप यादव पर 2020 के विधानसभा में निर्वाचित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ भाजपा नेताओं की ओर से याचिका दाखिल की गई है.