रांचीः थानेदार से मारपीट करने के आरोप में गोड्डा की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने विधायक को पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है. वहीं थानेदार की ओर से अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा. अदालत ने थानेदार के अधिवक्ता के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 16 फरवरी को निर्धारित की है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में गोड्डा एसएचओ और विधायक मारपीट मामला को लेकर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर अदालत को जानकारी दी गई कि थानेदार निलंबित हैं और उनका आरोप गलत है. विधायक और उनके समर्थकों की ओर से मारपीट नहीं की गई है. अदालत को यह भी बताया गया कि थानेदार ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि थानेदार की ओर से दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए. वहीं थानेदार के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखने के बदले समय की मांग की. उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने उन्हें पक्ष रखने के लिए समय दिया.
महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर निलंबित थानेदार कश्यप गौतम ने मेहरमा थाने में 25 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई है. थानेदार ने आरोप लगाया है कि विधायक और उनके पीए ने मारपीट की. सरकारी कागजात को फाड़ने के साथ-साथ जान से मारने की धमकी दी. इसी मामले को लेकर विधायक को ऊपर एफआईआर दर्ज की गयी है जिसकी सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में चल रही है.