रांचीः मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिग मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर अब 26 जुलाई को सुनवाई होगी. रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल के अधिवक्ता ने ईडी की तरफ से दायर चार्जशीट की सर्टिफाइड कॉपी की मांग की. अधिवक्ता बीएमपी सिंह ने कहा कि पूजा सिंघल के अधिवक्ता की तरफ से जमानत याचिका पर बहस के लिए समय की मांग की गई. इसका ईडी के वकील ने विरोध नहीं किया.
आपको बता दें कि इन्हीं मामलों में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद कई दिन तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी. फिलहाल पूजा सिंघल रांची स्थित बिरसा केंद्रीय कारा में बंद हैं. पिछले दिनों उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी. अब 26 जुलाई को स्पष्ट हो पाएगा कि पूजा सिंघल के वकील के तरफ से क्या आधार बनाकर जमानत पर बहस की जाएगी.
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. मई माह में ईडी की टीम ने उनके आवास सहित 25 ठिकानों पर छापा मारा था. इस छापेमारी में सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किये थे. पूजा सिंघल के खिलाफ ECIR 03/2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पिछले दिनों विशेष अदालत में पूजा सिंघल की ओर से जमानत याचिका दायर की गई, जिस पर 19 जुलाई को अदालत में सुनवाई होगी. इस मामले में कई जिलों के डीएमओ से भी पूछताछ हो चुकी है.
खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर दायर की है जमानत की अर्जी: मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोप में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने जमानत याचिका दाखिल की है. उन्होंने पीएमएलए कोर्ट के जज प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत याचिका दाखिल की है.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब तक के अपडेट्सः ईडी ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालिन कनीय अभियंता रामविनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग की धारा 3, 4 और पीसी एक्ट की संगत धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल की है. 5 जुलाई को ईडी की टीम ने तकरीबन 200 पन्नों की चार्जशीट ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा के कोर्ट में दायर की. वहीं, ईडी ने तकरीबन पांच हजार पन्नों से अधिक का साक्ष्य भी कोर्ट में जमा कराया है. ईडी के अधिकारी दो बक्सों में कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे. आरोप पत्र में छह से 25 मई तक ईडी की ओर से की गयी कार्रवाई की जिक्र है.
इस आरोप पत्र में ईडी की ओर से कहा गया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और इसमें पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया जाएगा. आरोप पत्र के साथ ईडी ने जो दस्तावेज दिए हैं, वह पूजा सिंघल, सीए सुमन सिंह, अभिषेक झा और कुछ जिलों के खनन पदाधिकारियों से पूछताछ को बाद ईडी को हाथ लगे थे. ईडी के आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खातों में उनकी सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक थे.
पूजा सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी और 19 जुलाई 2010 से 8 जून 2013 के बीच पलामू की डीसी थी. ईडी ने इन तीनों कार्यकाल के दौरान पूजा सिंघल के अलग अलग बैंक खातों और दूसरे निवेश की जानकारी जुटायी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के खाते में मनरेगा घोटाले के दौरान सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक आए थे.
खूंटी में मनरेगा घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच का है, जब पूजा सिंघल डीसी थी. मनरेगा के 18.06 करोड़ के घोटाले को लेकर ईडी ने पूर्व में जेई रामविनोद सिन्हा पर चार्जशीट किया था. रामविनोद सिन्हा ने इस मामले में बताया था कि वह डीसी कार्यायल में पांच प्रतिशत कट मनी पहुंचाते थे. वहीं घोटाले में तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश की भूमिका भी रामविनोद सिन्हा ने बतायी थी.