खूंटीः जिले के कोचांग गैंगरेप मामले में पादरी अल्फांसो आईंद की जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों के बीच की बहस को सुनने के बाद सुनवाई स्थगित हो गई. अदालत ने कहा कि पूर्व में दिए गए आदेश की वापसी के बाद ही जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई की जा सकती है, क्योंकि पूर्व में अदालत ने आदेश दिया था कि मामले में फिजिकल कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. ऐसी स्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती है.
ये भी पढ़ें-न्यायिक पदाधिकारी नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, जेपीएससी और राज्य सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में खूंटी कोचांग गैंगरेप मामले में पादरी अल्फांसो आईंद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लिए जाने के बाद ही मामले पर सुनवाई की जा सकती है. इसलिए अदालत ने मामले की सुनवाई को तत्काल स्थगित कर दिया है.
जमानत पर शीघ्र सुनवाई की मांग
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि, इस मामले में पूर्व की पीठ ने फिजिकल कोर्ट के दौरान पादरी अल्फांसो की जमानत पर सुनवाई के लिए कहा था. लेकिन कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि हाल में हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने की संभावना है. इसलिए जमानत पर सुनवाई की जानी चाहिए. इस पर अदालत ने कहा कि पूर्व के आदेश को वापस लिए जाने के बाद ही इस पर सुनवाई संभव है. इसके बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई स्थगित कर दी.
निचली अदालत से मिली पादरी को सजा
बता दें कि 19 जून 2018 को पांच युवतियां के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इस मामले में निचली अदालत ने पादरी अल्फांसो सहित अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी है.