रांचीः झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को गुटखा प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने सरकार से कहा कि प्रतिबंध के बावजूद पूरे राज्य में धड़ल्ले से गुटका की बिक्री हो रही है. साथ ही उन्होंने अधिवक्ता को कहा कि 'गुटखा की बंदी का यह आलम है कि अगर आप कहें तो मैं अभी मंगवा दूं'. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से बंदी को सख्ती से लागू करने के लिए की गई योजनाएं के बारे में पूछा. इसके साथ जवाब पेश करने को कहा है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
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कार्य प्रणाली पर नाराजगी
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गुटखा पर पिछले वर्ष 2018 से प्रतिबंध लगाया गया है. झारखंड में 2020 में भी इस प्रतिबंध को बढ़ाकर 2021 तक के लिए कर दिया गया है. अदालत ने सरकार के इस जवाब पर संतुष्टि जताते हुए और अधिकारी के कार्य प्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह कैसा प्रतिबंध है कि बंद के बावजूद भी धड़ल्ले से पूरे राज्य में गुटखा की बिक्री हो रही है. अदालत ने राज्य सरकार के फूड सेफ्टी विभाग को इस पर विस्तृत जवाब देने को कहा है, जिसमें यह बताने को कहा है कि विभाग की क्या योजनाएं हैं.
फरियाद फाउंडेशन नामक संस्थान के द्वारा राज्य में गुटखा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के फूड सेफ्टी विभाग को 9 अक्टूबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.