रांचीः झारखंड सरकार धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के मामले में एसआईटी से जांच कराएगी. यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को हाईकोर्ट को दी गई है. झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में चार दिसंबर 2023 को स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि यह घटना एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है. जेल में हथियार पहुंचना और हत्या होना गंभीर बात है. कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वृहद षड्यंत्र और पॉलिटिकल एंगल की जांच के लिए क्या मुख्यालय स्तर पर स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) बनाने का विचार रखती है?
मंगलवार को हाईकोर्ट ने की मामले की सुनवाईः मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंदा सेन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. सरकार की ओर से एसआईटी गठित करने की जानकारी दिए जाने के बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए जनवरी के पहले सप्ताह की तिथि निर्धारित की है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा.
तीन दिसंबर को धनबाद जेल में हुई थी गैंगस्टर अमन सिंह की हत्याः दरअसल, धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या तीन दिसंबर 2023 को कर दी गई थी. गैंगस्टर की हत्या के मुख्य आरोपी रितेश यादव से पांच दिनों तक रिमांड पर पूछताछ के बाद धनबाद पुलिस ने जिला अदालत में उसका स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कराया था. जिसमें आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया है.
गिरफ्तार आरोपी ने जिला अदालत में दिया था चौंकाने वाला बयानः आरोपी ने बयान में बताया है कि उसने जिस गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या की, उसने धनबाद जेल के जेलर की हत्या की साजिश रची थी और इसी काम के लिए उसे प्लानिंग के तहत गिरफ्तार करवाकर जेल लाया गया था. इस साजिश में फरार अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू उसका भागीदार था.
आरोपी को पहले जेलर की हत्या करने के लिए कहा गया थाः आरोपी रितेश यादव के मुताबिक जब उसे जेलर की हत्या करने को कहा गया तो उसने इसके लिए इनकार कर दिया. इसके बाद आशीष रंजन उर्फ छोटू ने उसे कहा कि अगर वह जेलर की हत्या नहीं करता है तो अमन सिंह की ही हत्या कर दे. उसे यह भी धमकी दी गई कि अगर उसने अमन सिंह की हत्या नहीं की तो उसके भाई और पिता की हत्या करवा दी जाएगी.इसके लिए उसे जेल के भीतर विकास बजरंगी नामक कैदी ने दो पिस्टल उपलब्ध कराई थी. अमन सिंह की हत्या में उसका साथ सतीश साव उर्फ गांधी नामक कैदी ने भी दिया था.
इनपुट-आईएएनएस
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