रांची: साहिबगंज के बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद मामले (Barharwa toll plaza tender case) में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. (ED affidavit in Jharkhand High Court) एफिडेविट में ईडी ने हाईकोर्ट को बताया है कि सत्ता के एक करीबी ने सरकार के कामूनी सलाहकार को फोन कर ईडी ऑफिस में पंकज मिश्रा से मिलने और सिक्रेट तरीके से उनसे हुई पूछताछ का ब्यौरा इकट्ठा करने को कहा था. आपको बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 19 जुलाई को सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था.
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गिरफ्तारी के बाद 22 जुलाई को सत्ता के करीबी ने सरकार के कानूनी सलाहकार से बात की थी. लेकिन उनका फोन इंटरसेप्सन पर था. इस दौरान कानूनी सलाहकार से जो बात हुई वह चौंकाने वाली है. ईडी ने अपने एफिडेविट में बातचीत का ब्यौरा भी दिया है. इस बातचीत में प्रदीप कुमार नामक वकील का जिक्र हुआ है. ईडी का दावा है कि उस दौरान पंकज मिश्रा से भी बात की गई है और उसे खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर अस्पताल में भर्ती होने को कहा गया. बातचीत में पंकज मिश्रा यह कहते हुए पाया गया है कि पिटिशन दायर करने वाले के अलावा मुंगेरी नामक शख्स के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.
फोन पर किस तरह की बात हुई
A - हैलो
B - हां....जी बोलिए
A - ये बताइये कि सरकारी वकील रह सकता है कि नहीं रह सकता है
B - क्या पर्पस है. बताईये ना
A - अरे पंकज का केस में कौन जाएगा, बात करेगा
B - एक एडवोकेट कर देते हैं, जो उससे रोज बात करेगा, मिलेगा
A - माने हम ये रूल्स जानना चाह रहे हैं कि सरकारी हो सकता है कि नहीं हो सकता है
B - नहीं, सरकारी नहीं जा सकता है
A - उसका नाम क्या है
B - उसका नाम है प्रदीप
इसके बाद पंकज मिश्रा को सुविधा देने और उसके हेल्थ को लेकर भी बातचीत की गई है. दरअसल, यह मामला जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में है. 22 जून 2020 को बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर मामले में शंभु नंदन कुमार ने एफआईआर दर्ज कराया था. उन्होंने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के अलावा आठ अन्य लोगों को आरोपी बनाया था. उनका आरोप था कि मंत्री की तरफ से टेंडर में शामिल नहीं होने के लिए उन्हें धमकी मिली थी. बाद में उन लोगों के गुर्गों ने उनकी पिटाई भी की थी. इसके बावजूद साहिबगंज पुलिस ने मंत्री और पंकज मिश्रा को इस केस में क्लीन चिट दे दिया था. जबकि शेष आठ के खिलाफ 11 नवंबर 2020 को चार्जशीट फाइल कर दिया था. इसी को शंभु नंदन कुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. इसी बीच अवैध खनन मामले की जांच के क्रम में ईडी ने बड़हरवा केस को 8 मार्च 2022 को टेकअप कर लिया था.
बाद में शंभु नंदन की याचिका पर 6 दिसंबर को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि मंत्री और पंकज मिश्रा का नाम चार्जशीट में नहीं देना उन्हें बचाने जैसा प्रतीत होता है. इस दौरान मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के अलावा सरकार के पक्ष को दरकिनार करते हुए हाई कोर्ट ने ईडी को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने ईडी और सीबीआई से इसपर एफिडेविट देने को कहा था. अब 22 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई होनी है.