रांचीः निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को जेल से बाहर निकलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. मनरेगा घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
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न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधिश सुधांशु धुलिया की बेंच में पूजा सिंघल की ओर से वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलील पेश की. उन्होंने पूजा सिंघल की खराब सेहत के अलावा अन्य बिंदुओं का हवाला देते हुए नियमित जमानत की गुहार लगायी. इसका ईडी के अधिवक्ता ने विरोध किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश सुधांशु धुलिया की बेंच ने ईडी को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. यह जानकारी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दी.
बता दें कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की थी. लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई से स्पष्ट हो गया है कि पूजा सिंघल को अभी कम से कम 30 अक्टूबर तक तो जेल में रहना ही होगा. इसी साल 3 जनवरी को बेटी के इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक माह की सशर्त अंतरिम जमानत दी थी. अवधि पूरी होने के बाद फरवरी में उन्होंने ईडी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अब वह नियमित जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.
पूजा सिंघल को ईडी ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था. उनपर मनरेगा की योजनाओं में मनी लांड्रिंग का आरोप है. इस मामले में ईडी ने चार्जशीट भी दायर कर दिया है. उनकी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले उनके ठिकानों पर एक साथ छापेमारी हुई थी. तब उनके सीए सुमन कुमार के आवास से करोड़ों रुपये जब्त किये गये थे. फिलहाल पूजा सिंघल रिम्स के पेइंग वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच इलाजरत हैं.